समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा की अध्यक्ष सुश्री मायावती कोई सबक न सीखनेवालों में हैं। प्रदेश के करोड़ों मतदाताओं ने उनकी सरकार को फिर सत्ता में आने के लायक नहीं समझा, उनकी जगह समाजवादी पार्टी और युवाओं के आशा केन्द्र श्री अखिलेश यादव को सत्ता सिंहासन पर बिठा दिया। जनता के इस निर्णय को किन्तु बसपा सुप्रीमो अब भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
बसपा नेत्री बारंबार यह आशंका जताती है कि समाजवादी पार्टी के राज में गुण्डागर्दी बढ़ेगी। यह उल्टा चोर कोतवाल को डंाटे वाली कहावत को चरितार्थ करती है। यह तो इतिहास में दर्ज रिकार्ड है कि बसपा राज में दलितों को ही सबसे ज्यादा उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। महिलाओं की इज्जत लुटती रही। बच्चियों तक से बलात्कार हुआ। दर्जनभर से ज्यादा विधायक मंत्री अपहरण, हत्या, बलात्कार के अभियोगो में जेल में बंद है। लोकायुक्त की जांच के बाद भ्रष्टाचार में दो दर्जन मंत्री सरकार के बाहर हुए। बसपा सरकार के समय पार्टी में 500 अपराधियों के होने की सूचना खुद सुश्री मायावती ने दी थी। इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मुख्यमंत्री के रूप में सुश्री मायावती ने लोकतंत्र की हर तरह से अवज्ञा की है और समाज के हर वर्ग को अपमानित किया है। वे यह भूल गई कि लोकतंत्र लोकराज से चलता है। उन्हें अपने शासनकाल की तमाम कलंक कथाओं पर शर्मिंदगी जतानी चाहिए थी। उन्होने किसी पीडि़त दलित महिला से भी मिलना पसंद नहीं किया। विधायक और मंत्री भी उनसे नहीं मिल पाए। अफसरशाही ने मनमानी की। रिष्वत और लूट का बाजार सरगर्म रहा।
बसपा राज में गुण्डागर्दी की जो छूट थी बसपा अध्यक्ष आगे भी उसे जारी रहने देना चाहती हैं लेकिन सत्ता सम्हालने जा रहे श्री अखिलेश यादव ने यह बात साफ कर दी है कि समाजवादी पार्टी के राज में अपराधियों की जगह सिर्फ जेल में होगी या वे राज्य की सीमा से बाहर हो जाएगें। किसी भी तरह की अपराधिक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज कायम होगा। उन्होने पार्टी के अंदर भी ऐसे तत्वों के आने पर बंदिश लगाकर अपना इरादा पहले ही जाहिर कर दिया था। इसलिए प्रदेश की जनता को विश्वास है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में शांति व्यवस्था बनी रहेगी। सुश्री मायावती को अनर्गल प्रलाप बन्द करना चाहिए और लोकतंत्र का सम्मान करना सीखना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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