वित्तीयवर्ष 2012 सरकारी विभाग के अधिकारी शायद सो रहे थे क्यों सरकारी शेष धन का उपयोग न करके उसे धरोहर समझकर खर्च करने में कोताही बरत रहे थे जो सही पात्रों को खाली हांथ वापस भेजा जा रहा था अब शेष 18दिनों में कोष को सरकारी योजना में खर्च की सम्भावनाओं का पता लगाकर धन को ठिकाने लगाने में सरकारी विभाग के आला अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। अभी तक यह बंदिश चुनाव आयोग के निर्देश के कारण रूकी थी अब वह विकास का पहिया दूनी रफ्तार से उदारतापूर्वक फिर चलने लगा है क्यों न हो वित्तीय वर्ष 2011-12 जबकि समाप्ति की ओर है। मौजूदा बजट खर्च करना भी जरूरी है समय की मांग है फाइलों का उलट फेर फिर जरूरी हो गया बीते वर्ष दिसम्बर 2011 के आखिरी हफ्ते से चुनाव आयेाग के कारण बेडि़या पड़ गयी थी सभी नये कार्य जहाँ के तहाँ रोंक दिये गये लोक निर्माण विभाग के कई रूके हुए काम पूरे करने हैं। बजट भी मौजूद था पर उसे रिलीज नहीं किया जा सकता था अब धनराशि अवमुक्त होकर काम शुरू कर दिया गया है। इसी प्रकार वृद्धों को सहारा देने वाली वृद्धावस्था पेंशन मनरेगा के रूके काम बाल विकास पुष्टाहार योजना, बच्चियों केा देने वाली एफ0डी0 सभी का कार्य द्रुत गति से फिर चलने लगा है क्योंकि मार्च 2012 तक जो धन खर्च करना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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