मनरेगा योजना में महिलाओं की भागीदारी पर सवाल-जनपद की महिलाओं की रूचि मनरेगा के काम में कतई नहीं रह गई है। प्रशासन लाख कोशिश कर रहा परन्तु वह इस पर अमल कर पाने में पूर्णतया असफल कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी आंकड़े इस बात के गवाह बन चुके हैं। इस समय जिले की 1101ग्राम पंचायतों में मात्र 849 ग्रामों में काम हो रहा है। इसमें मात्र 642 महिलायें काम कर रही हैं इसमें दिसम्बर मास में काम करने वाली महिलाओं की संख्या तब भी 850 थी अब चुनाव को लेकर महिलायें और कम हो गयी हैं क्रमवार देखें तो स्थित इस प्रकार से है अहिरोरी ब्लाक में 65 बावन ब्लाक में 35 बेहन्दर ब्लाक में 41, भरावन ब्लाक में 25, भरखनी में 63, बिलग्राम में 22, हरियावाँ में 17 हरपालपुर में 33 कछौना ब्लाक 17, कोथावाँ में 58, माधौगंज 25, मल्लावाँ 24, पिहानी में 24, साण्डी में 17 सण्डीला में 79, शाहाबाद में 18 सुरसा ब्लाक 48, टंडि़यावाँ में 27, टोंडरपुर ब्लाक में 23 महिलायें काम पर लगी हैं। इन आंकड़ों में अगर सण्डीला को हटा दें तो बांकी महिलायें ब्लाकों में नगण्य हैं। जबकि शासन स्तर पर इन्हें प्रेरित किया जा रहा परन्तु कोई भी सुधार नहीं हुआ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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