समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया है कि बसपा सुप्रीमों सुश्री मायावती द्वारा राज्यपाल महोदय को अपनी सरकार का इस्तीफा सौपंने के बाद पहली पत्रकार वार्ता में जो बयानबाजी की गई है वह उनकी घटिया मानसिकता और लोकतंत्र के प्रति अनास्था को ही उजागर करता है। लोकतंत्र में जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया जाता है। बसपा सुप्रीमों का लेकिन अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ते हुए यह कहना कि उन्हें सत्ता में समाजवादी पार्टी के आने का अफसोस है। प्रदेश के करोडों़ मतदाताओं के विवेक और निर्णय का अपमान है।
जनमत से सत्ताच्युत बसपा सरकार में विकास की चर्चा एक अच्छा मजाक है क्योंकि पूरे पांच साल इसने सिर्फ भ्रष्टाचार, अत्याचार और लूटमार को ही बढ़ावा दिया है। खुद सुश्री मायावती ने एक एक-कर दो दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को मजबूरन दोषी बताकर बाहर का रास्ता दिखाया। एक दर्जन से ज्यादा बसपा के मंत्री, विधायक हत्या, बलात्कार और अपहरण के मामलों में जेल में बंद है। उसके मंत्री और मुख्यमंत्री जमीनों पर कब्जा करने और नोटों की गिनती करने में ही मशगूल रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री को केन्द्र के सहयोग के बिना विकास की बात करने से पहले कुछ तथ्यों की भी जानकारी कर लेनी चाहिए। श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने 24 हजार करोड़ रूपए खजाने में छोड़े थे। जनता की गाढ़ी कमाई के 45 हजार करोड़ रूपए बसपा सरकार ने पार्को, स्मारकों, पत्थर की अपनी मूर्तियों और हाथियों पर अपव्यय कर दिए। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भारी घपलाकर दिया। बिजली, पानी की किल्लत बनी रही। किसान तंगहाली में आत्महत्या करते रहे। महिलाओं की इज्जत लूटी जाती रही। उनकी सरकार की यही देन है जिस पर उन्हें होना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था पर कड़ा रूख अपनाया है। उन्होने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर गुड़ई बर्दाश्त नहीं होगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश के विकास का जो रोडमैप चुनाव घोषणा पत्र में दिया है, उसे समाजवादी पार्टी पूरा करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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