भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज कहा कि देश में लोकतंत्र सही तरीके से चले इसके लिए लोक-लाज और मर्यादाओं का पालन बहुत जरूरी है। जब इनका पालन नहीं होता है तो सत्ता निरंकुश हो जाती है और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाता है।
श्री सिंह ने धुआंधार चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार के शासनकाल में मर्यादाओं को तार-तार किया गया। पहले तो पांच सालों तक प्रदेश को लूटा गया और जब चुनाव नजदीक आए तो मुख्यमंत्री ने 22 मंत्रियों को बर्खास्त कर खुद को पाक-साफ बताने की कोशिश की। जबकि बसपा के शासन में मंत्रियों की इतनी हिम्मत नहीं कि बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के कोई घोटाला कर सके। उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में गुंडाराज कायम हुआ। उसे हटाने के लिए जनता ने बसपा को सत्ता सौंपी थी मगर सर्वजन हिताय का नारा देने वाली बसपा सरकार के शासनकाल में अपराधों पर लगाम नहीं लग सकी।
श्री सिंह ने कहा कि दलितों की मसीहा होने का दावा करने वाली मुख्यमंत्री के शासन में सबसे अधिक उत्पीड़न दलितों का ही हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस फूट डालो और राज करो की नीति में विश्वास करती है। यही कारण है कि कभी वह कोटा में कोटा देने की बात करती है तो कभी मजहब के आधार पर आरक्षण देने की वकालत करती है। भाजपा, कांग्रेस की इस विभाजनकारी मंसूबे को कभी पूरा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगर भाजपा की सरकार बनी तो बसपा सरकार के शासनकाल में किए गए सभी घोटालों की जांच के लिए एक विशेष जांच आयोग बनाया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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