समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि राज्य विधान सभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की बढ़त को अब निर्विवाद रूप से स्वीकार किया जा रहा है। जनता ने बसपा के विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टी को ही मान्यता दी है। इससे सबसे ज्यादा बौखलाहट कांग्रेस में दिखाई दे रही है जिसके तमाम नाटकीय क्रियाकलापों और मीडिया पर छा जाने की तमाम कोशिशों के बावजूद जनता में कोई लहर उसके पक्ष में नहीं पैदा हुई। निराशा में कांग्रेस के युवराज ने अपने दल के नेताओं के नाम का ही कागज मंच पर सार्वजनिक रूप से फाड़ डाला। कांग्रेस की सरकार न बनने पर राष्ट्रपतिराज लगने की धमकी भी दी गई।
कांग्रेस के महासचिव प्रदेश में कांग्रेस की डूबती नाव को बचाने में असफल होने पर इस तरह खिसियाये हैं कि वे समाजवादी पार्टी और इसके नेता को ही हर मौके पर निषाना बना रहे है। उन्हें बसपाराज के कुशासन और अत्याचार से शिकायत नहीं, भाजपा की बंटवारे की राजनीति की फिक्र नहीं उन्हें चिन्ता समाजवादी पार्टी से है। श्री मुलायम सिंह यादव की नीति के चलते ही लोकसभा में भाजपा के दुबारा सिंहासन पर बैठने की आशा पूरी नहीं हो सकी। वे समाजवादी पार्टी पर हमला कर प्रदेश की प्रगति और धर्मनिरपेक्षता की जीत के विरोधी बन रहे है। समाजवादी पार्टी को अपने लिए किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।
यह कौन नहीं जानता है कि श्री मुलायम सिंह यादव अपनी बात के बहुत धनी हैं। वे जो कहते हैं उसे पूरा भी करते है। जब वे 14वीं विधान सभा काल में मुख्यमंत्री थे उन्होने केन्द्र सरकार की सहायता के बिना स्वयं संसाधन जुटाकर कन्या विद्याधन, लोकतंत्र सेनानी पेंशन, बेकारी भत्ता जैसी योजनाएं शुरू की थी। मुसलमानों की पुलिस में 15 प्रतिशत तक भर्ती की थी। केन्द्र के दबाव के बावजूद प्रदेश में वैट नहीं लागू किया था और व्यापारियों को इंस्पेक्टर राज तथा चुंगी से मुक्ति दी थी।
कांग्रेसी नेता समाजवादी घोषणा पत्र में किए गए वायदों पर जो उंगली उठा रहे हैं वह उनके अज्ञान का सूचक है। उनका यह बयान बचकाना है कि श्री मुलायम सिंह यादव के दावें पूरे नहीं होगें। सच तो यह है कि श्री मुलायम सिंह यादव पर ही मुसलमानों को विश्वास है। जब-जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आई मुसलमानों-पिछड़ों, दलितों, गरीबों सभी के हित के लिए काम करती रही है। कांग्रेस का तो चरित्र ही दोहरा है। केन्द्र में यूपीए सरकार ने ही सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग बनाया। सच्चर कमेटी ने बताया कि कांग्रेस राज में मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है। आईएएस-आईपीएस जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं में मुस्लिमों की कम हिस्सेदारी के लिए कांग्रेस ही दोषी है। कांग्रेस समझ लें कि मुसलमानों की असली दोषी वही है। अच्छा हो कांग्रेस चुनाव के दौरान भ्रम पूर्ण, अनर्गल बयानबाजी न करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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