अपने करीबी सहयोगी श्री नसीमुद्दीन सिद्दकी के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही से इंकार किये जाने के बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री सुश्री मायावती का असली चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है।
एक दर्जन से से भी अधिक विभाग देख रहें श्री सिद्दकी पर लगे आरोपों की सी0बी0आई0 जांच के लिए लोकायुक्त ने स्पष्ट तौर पर सिफारिश की थी। लोकायुक्त माननीय उच्चतम न्यायायल के माननीय न्यायमूर्ति रहें हैं और उन्होंने आरोपों की गहराई में जाने के बाद ही उसकी गम्भीरता को देखते हुए सी0बी0आई0 से जांच कराये जाने की अनुशंसा की थी, किन्तु मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बजाय जिस तरह से इस पूरे मुद्दे को ढण्डे बस्ते में डालने का कार्य किया और इस पूरे प्रकरण को पत्र के माध्यम से लोकायुक्त को वापस कर दिया, इससे उन लोगों को घोर निराशा हुयी होगी जो माननीय मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह के कदम की तनिक भी उम्मीद रखतें थे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन््रद त्रिपाठी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री सुश्री मायावती श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पाक-साफ ही मानतीं हैं तो भी उनको लोकायुक्त की सिफारिशों की मुताबिक सी0बी0आई0 से जांच कराने में क्या दिक्कत है। इससे कम से कम दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता। लेकिन मुख्यमंत्री खुद इन आरोपों की असलियत से वाकि़फ हैं। इसीलिए किसी भी सक्षम एजेन्सी से जांच कराने से डर रहीं हैं।
त्रिपाठी ने कहा कि उनको सबसे बड़ा भय इस बात से है कि उनके सबसे बड़े करीबी मंत्री पर लगे आरोपों की सच्चाई यदि जनता के सामने आ गयी तो उसके काले छींटे खुद मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के दामन पर भी पडे़ंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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