भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पूछा है कि सी0बी0आई0 के छापे में पोंटी चड्डा के माॅल से बरामद 125 करोड नगद रूपये कहा गए? किसकी जेब में गए है ? इसकी कड़ाई से जांच होनी चाहिए। उन्होने कहा कि जनता के पैसों की लूट के एक-एक पैसे का हिसाब जनता के सामने होना चाहिए जबकि कुछ अफसर और नेता मिलकर इस मामले को दबाने में लगे हैं।
श्री शाही ने कहा कि गरीब लोगों के इलाज के पैसे से ऐशोआराम करने वाली माया की देवी मायावती पर सीबीआई क्यों मेहरबान है? उन्होने ने कहा कि एनआरएचएम के पैसे की लूट प्रदेश सरकार की मुखिया मायावती के बिना संभव ही नहीं है। एनआरएचएम को घोटाला 2005 से जारी है। जबकि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा मात्र पौने दो साल ही परिवार कल्याण मंत्री थे। ऐसे में क्या श्री कुशवाहा के पूर्व के मंत्री और इस विभाग की मुखिया रही मायावती पर जांच से सीबीआई क्यों बच रही है ? श्री शाही ने स्पष्ट आरोप लगाया हैे कि एनआरएचएम की जांच में हाथ और हाथी दोनों का हाथ है। इसलिए कांग्रेस ने एनआरएचएम का पैसा कभी नहीं रोका। इस पैसे की खूली लूट तब तक होती रही जब तक कि भाजपा ने पुरजोर तरीके से इस मांग को सडक से संसद तक नहीं पहुंचाया और हाईकोर्ट ने पैसे पर रोक नहीं लगाई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने साफ आरोप लगाया है कि सीबीआई के अफसर जब जांच पूरी करने वाले ही थे तो एनआरएचएम की जांच कर रहे अधिकारी श्री कौल को जांच से हटाकर दूसरे अधिकारी को दे दी गई। सरकार के इस कदम से स्पष्ट है कि वो इस जांच को पूरी ही नहीं करना चाहती है। क्योकि कांग्रेस को सरकार चलाने और आगे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में बसपा का वोट चाहिए। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मायावती को बचाया जा रहा है। भाजपा इस मामले की सघन जांच चाहती है। इसलिए इस घोटाले की सरताज मायावती को जांच दायरे में लिया जाए। तभी सच सामने आ पाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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