समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लूट और झूठ के सहारे अपनी सरकार चलानेवाली मुख्यमंत्री ने जनता के रूझान से कोई सबक नहीं सीखा है। जनता ने पांच साल तक उनके भ्रष्टाचार और अत्याचार को देखा है और अब वह उन्हें सत्ता से बाहर जाने का रास्ता दिखाने में लग गई है। इससे हताश-निराश होकर वे अपना आपा खो बैैठी हैं और अनर्गल बयानबाजी पर उतर आई हैं। अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए वे समाजवादी पार्टी पर आक्षेप कर रही हैं और निराधार दावे कर रही हैं। समाजवादी पार्टी की मतदान के हर चरण में बढ़त उन्हें पच नही रही है।
केवल जमीन पर कब्जा, पत्थरों और दवाइयों की खरीद में कमीशन, पार्को, स्मारकों के नाम पर बजट की लूट के अलावा मुख्यमंत्री ने अपने पूरे कार्यकाल में कुछ नहीं किया अब वे केन्द्र पर उसका ठीकरा फोड़ रही है। कांग्रेस उनको दोशी ठहरा रही है। दोनों मिली जुली कुश्ती का दंगल पेशकर जनता का मनोरंजन कर रहे हैं। उन्हें अपने जमाने के अपराध नजर नहीं आते हंै। उल्टे वे समाजवादी पार्टी पर कानून व्यवस्था को लेकर हल्ला बोल रही है। सच क्या है, यह बताने की जरूरत नहीं है। माया मंत्रिमण्डल के आधा दर्जन से ऊपर मंत्री विधायक बलात्कार, हत्या और लूट के मामलों में सजा पाकर जेल में बंद है। दो दर्जन के करीब मंत्री लोकायुक्त की जांच में अथवा अन्य जंांच एजेसियों के शिकंजे में फंसे है जिन्हें सरकार से हटाने या फिर उनके टिकट काटने का नाटक कर मुख्यमंत्री ने अपने को पाक साफ दिखाने की कोशिश की है। लेकिन उनके पास इस बात का जवाब नहीं है कि पूरे पांच साल तक वे इन भ्रष्टाचारियों और लुटेरों को क्यों प्रश्रय दिए रही हैं।
मुख्यमंत्री अब चलते चलाते किसानों की बहुत हमदर्द बन रही हंै। जबकि हकीकत यह है कि उनके शासनकाल में ही किसानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ है। किसानों की खेती वाली जमीन पर जबरन कब्जा कर उसे बड़े बिल्डरों को मोटे कमीशन पर सौप देने का काम उन्होने धड़ल्ले से किया। विरोध में किसानों पर लाठियां बरसी और गोलियां चली। इसमें किसानों की मौतें हुई। किसानों को फसल के लागत बराबर भी दाम नहीं मिले। किसानो ंको खाद मंहगी और वह भी ब्लैक में खरीदनी पड़ी। धान-गेहूॅ किसान को अपनी फसल बिचैलियों को मजबूरी में बेचनी पड़ी।
बसपा सरकार और इसकी मुख्यमंत्री वास्तव में समाज के हर वर्ग के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार हैं। महिला मुख्यमंत्री के राज में दलित महिलाओं और यहां तक कि बच्चियों तक से बलात्कार हुए। गाजियाबाद में एक बच्ची के साथ बलात्कार की ताजा घटना है। थाने में हत्याएं हुई। स्वास्थ्य मिशन में भारी घोटाला हुआ और उसमें अब तक 6 अधिकारियों की जाने जा चुकी हेै। दलितों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया। उन्हें पढ़ाई, इलाज और आवास तक की सुविधाएं नहीं मिली। विरोधियों पर झूठे मुकदमें दर्ज हुए। इस सबके बाद भी उन्हें यदि अपने समय का गुण्डाराज नहीं दिखता है तो माना जाएगा कि वे मोतियां बिन्द की षिकार है। अब तो जनता ही उनकी आंखे खोल देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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