व्लाक दूबेपुर में एक आॅगन वाड़ी कार्यकत्री द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने करने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के आधार पर जाॅच अधिकारी की आख्या पर जिलाधिकारी के आदेश पर भी बाल विकास परियोजनाधिकारी कार्यवाही करने में कोई रुचि नहीं दिखा रही है। प्राप्त सूचना के अनुसार ब्लाक दूबेपुर स्थित ग्राम सभा बहरौली में केशपुत्री सिंह ने फर्जी आय प्रमाण पत्र लगा कर नौकरी हथिया लिया और पात्र अभ्यर्थी दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गया। मामला प्रकाश में आने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी कलावती ने बाल विकास परियोजनाधिकारी राम सूरत मौर्या से जाॅच करवाई तो मामला फर्जी आय प्रमाण पत्र का पाया गाया। जिलाधिकारी के आदेश के आधार पर जिला कार्यक्रम अधिकारी न ेएक माह पूर्व ही केशपुत्री सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश फूलवासी त्रिसूलिया बाल विकास परियोजनाधिकारी दूबेपुर को दिया। परन्तु बाल विकास परियोजनाधिकारी दूबेपुर द्वारा मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया। बताते चले कि 2005 में केशपुत्री की नियुक्ति ग्राम सभा बहरौली में सहायिका के पद पर हुई भी जिसमें केशपुत्री ने जो आय प्रमाण पत्र लगाया था उसी प्रमाण पत्र को जब 2006 में आॅगनवाड़ी कार्यकत्री के आवेदन पत्र में आय प्रमाण पत्र को लगाकर आॅगनवाड़ी के पद को हथिया लिया और पात्र इनके फर्जी आय प्रमाण पत्र के आगे इस पद से वंचित रह गया। सूत्रों के अनुसार उस समय जिला कार्यक्रम अधिकारी उमेश शुक्ला थे। जब बाॅगनवाड़ी कार्यकत्री की नियुक्ति का मामला आया तो केशपुत्री ने 2005 में जो सहायिका पद के लिए आय प्रमाण अपने पत्रावली में लगाया था उसी आय प्रमाण पत्र में 2005 के स्थान पर 2006 लिख दिया गया । अब उक्त मामले पर गौर किया जाय तो सम्बन्धित लागों का कहना है कि प्रश्न यह उठता है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा प्रकरण सामने आने पर विभागीय जाॅच करवायी गयी और मामला सही पाया गया । उनके ही अनुमोदन पर जिलाधिकारी ने केशपुत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया तो उन्होंने गलत आदेश तो करवाया नहीं होगा और यदि गलत आदेश नहीं करवाया तो बाल विकास परियोजनाधिकारी किसके आदेश पर कार्यवाही करंेगी। इसी तरह के प्रकरण जनपद में बाल विकास परियोजना विभाग में सैकड़ों हैं, यदि ऐसे प्रकरणों की कड़ाई से जाॅच कराई जाय तो सभी लोगों के विरुद्ध प्राथिमिकी दर्ज करायी जा सकती है। उक्त प्रकरण पर बाल विकास परियोजनाधिकारी दूबेपुर फूलवासी त्रिसूलिया से जानकारी चाही गयी तो उन्होंने बताया कि यह मामला हमारे समय का नहीं है तो हम कैसे इस प्रकरण पर कार्यवाही कर सकते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास इससे सम्बन्धित कोई पत्रावली नही है और अगर उनके पास पत्रावली है तो वह स्वयं क्यों नहीं कार्यवाही करती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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