जनपद के प्रत्येक बूथ पर वोट डालने के लिए आने वालों की लाइनें दिखाई दी परन्तु सभी ने अपना वोट डाला और चुपचाप वहाँ से निकल कर अपने घर के रास्ते पर जाते दिखाई पड़े वेवजह की भीड़ बूथ पर या आस-पास नहीं दिखाई दी। यह असर उस गोली का था जो पत्रकार वार्ता में जिलाधिकारी ने कहा था या आयोग की तरफ से बड़े अफसरों को दे रखा गया था कि अनावश्यक भीड़ या गड़बड़ी पैदा करने की स्थिति में कोशिश करने वालों पर गोली मार दी जाय। इसलिय बूथ के बाहर या अन्दर लोग बात करते नजर नहीं आये। चुपचाप वोट डाला और निकल गये बिना गोली चले खौफ अपना काम कर गया। यहाँ तक कि लाठी बरसाने फटकारने या भीड़ को हटाने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि लोगों ने मतदान किया और चल दिये फिर अपने-अपने घरों के चबूतरों पर लौटकर वार्तालाप शुरू किया जनपद की अधिकांश बूथों पर नाम लिस्ट से गायब होने की शिकायतें बड़ी संख्या में मिलती रहीं। कहीं पर जैसे अतरौली (सण्डीला) के बूथ पर यह शिकायत सबसे ज्यादा मिली जहाँ पर स्वयं एस0डी0एम0 विजय शंकर चैधरी ने दूसरी लिस्ट मंगवायी तब जाकर लोगों का गुस्सा शान्त हुआ पूरे जनपद में लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतें आखिर तक मिलती रहीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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