भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता एवं मजहबी आरक्षण के ’’फुंके कारतूस,, से मुस्लिम वोटों का शिकार करने वाले शिकारी खुद अपने ही राजनैतिक चालबाजी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस-सपा-बसपा मुस्लिम वोटों के शोषकों और शिकारियों से आज मुसलमान अपनी गरीबी, बेरेजगारी, अशिक्षा और पिछड़ेपन का सूद-ब्याज के साथ हिसाब मांग रहा है। यह वे दल हैं जो वर्षो से मुसलमानों को अपनी राजनैतिक बैसाखी बनाकर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचते रहे हैं।
श्री नकवी ने मुरादाबाद के मूंण्डा पाण्डे में अल्पसंख्यकों की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आठ वर्षो तक कांगे्रस और बसपा, सपा अल्पसंख्यकों के आर्थिक-सामाजिक-शैक्षणिक हालात पर आंख बंद कर सत्ता का सुख भोगती रही, यह पार्टियां अब चुनाव आते ही फिर एक बार ’’आरक्षण की अफीम पिलाकर,, अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों को वोटों पर कब्जे की साजिश रही है, जो कि मुसलमानों की जागरूकता के चलते नाकाम हो रही है।
श्री नकवी ने आरक्षण का अलाप करने वाले दलों को आईना दिखाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में आठ वर्षो से मुसलमानों की नौकरियों में हिस्सेदारी 42प्रतिशत घटी है। जबकि यह भागीदारी मध्य प्रदेश में 31प्रतिशत, बिहार में 38 प्रतिशत, गुजरात में 34 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 24प्रतिशत बढ़ी है। यह वे भाजपा शासित राज्य हैं जहां धार्मिक आरक्षण की राजनैतिक शगूफे के बिना भी मूसलमानों को प्रगति की मुख्य धारा में तेजी से शामिल करने की ईमानदार राजनैतिक इच्छाशक्ति के चलते समाज का यह हिस्सा तरक्की का एकसास कर रहा है।
श्री नकवी ने कहा कि कांगे्रस के अपने साठ वर्षो की नाकामी के दस्तावेज ’’सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्र कमेटी,, की रिपोर्ट कांगे्रस दफ्तर के गोदामों की शोभा बढ़ा रही है। देश के अल्पसंख्यकों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक प्रगति में पूरी तरह नाकाम रही केन्द्र एवं प्रदेश सरकार फिर े एक बार मुस्लिम वोटों के राजनैतिक शोषण का षडयंत्र में लग गई है। इस बार यह पिटा-पिटाया फार्मूला बुरी तरह फेल हो रहा है। अपनी नाकामी और अल्पसंख्यकों में ऐसे दलों के प्रति आक्रोश से बौखलाए दल ’’बाटला हाऊस-बुखारी हाऊस,, की परिक्रमा के साथ आतंकवाद का भी साम्प्रदायीकरण कर रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि उ0प्र0 में कांगे्रस-बसपा-सपा जिस तरह से मुसलमानों को आरक्षण का ’’सब्ज बाग,, दिखाने की होड़ में लगे हैं। उससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि यह दल अल्पसंख्यकों के पिछड़ेपन और गरीबी, के परम्परागत राजनैतिक शोषण पर ही आज भी विश्वास रखते हैं। इनकी राजनैतिक इच्छा शक्ति समाज के इस वर्ग की आर्थिक, सामाजिक प्रगति में नहीं है, बल्कि अपनी ’’सत्ता की कुर्सी आरक्षण,, में ज्यादा है।
श्री नकवी ने कहा कि इस बार उ0प्र0 में भाजपा की सरकार बन रही है, सरकार बनाने में मुसलमानों की भागीदारी होनी भी चाहिए और दिखनी भी चाहिए। भाजपा अल्पसंख्यकों के धार्मिक आरक्षण नहीं, सामाजिक-आर्थिक संरक्षण की गारन्टी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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