- वित्तीय वर्ष समाप्ति पर लेकिन विभिन्न योजनाओं का केन्द्रांश अभी तक लम्बित
- केन्द्र ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम जैसी महत्वाकांक्षी योजना का 2516.82 करोड़ रू0 का केन्द्रांश अवमुक्त नहीं किया
- केन्द्र प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के साथ कर रही भेदभावपूर्ण और सौतेला व्यवहार
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के साथ भेदभावपूर्ण और सौतेला रवैया अपनाये हुए है। केन्द्र विभिन्न योजनाओं की धनराशि अभी तक प्रदेश सरकार को अवमुक्त नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के लिए देश के विभिन्न राज्यों को केन्द्रीय सरकार द्वारा केन्द्रांश अवमुक्त किया जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश को यह धनराशि अभी तक नहीं उपलब्ध करायी गयी है,। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों की हालत अत्यंत ही दयनीय और खस्ता हैं इसी प्रकार केन्द्र द्वारा प्रदेश में संचालित की जा रही अन्य अनेकों महत्वाकांक्षी योजनाओं की धनराशि भी रिलीज नहीं की गयी है।
पार्टी प्रवक्ता ने माननीय प्रधानमंत्री जी के कल कानपुर में दिए गए इस कथन पर कि प्रदेश सरकार राज्य के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी केवल घडि़याली आंसू बहा रहे हैं, जबकि सच्चाई तो यह है कि वे प्रदेश के विकास के लिए न तो कोई धनराशि ही अवमुक्त कर रहे हंैं और न ही प्रदेश सरकार द्वारा मांगे गये विशेष आर्थिक पैकेज को मन्जूरी ही प्रदान कर रहे हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण राज्य सरकार को किसी भी प्रकार का सहयोग भी नहीं प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता तो यह है कि केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के हर काम-काज में रूकावट डालने का काम कर रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी तथा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज शिक्षा का अधिकार अधिनियम के केन्द्रांश को जारी करने के बारे में माानीय प्रधान मंत्री जी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सर्वशिक्षा अभियान की वर्ष 2011-12 की वार्षिक कार्ययोजना 9408.05 करोड़ रूपये की मंजूर की गयी, जिसमें केन्द्रांश की धनराशि 4969.05 करोड़ रूपये बनती है, इसमें से अब तक मात्र 2452.68 करोड़ रूपये की धनराशि केन्द्रांश के रूप में उत्तर प्रदेश को अवमुक्त की गयी है। इस प्रकार 2516.82 करोड़ रूपये की केन्द्रांश उत्तर प्रदेश सरकार को उपलब्ध नहीं करायी गयी है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष की समाप्त में केवल डेढ़ माह का ही समय शेष बचा है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि जब प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 लागू नहीं हुआ था, तब अनुमोदित वार्षिक कार्ययोजना के सापेक्ष भारत सरकार द्वारा अधिक केन्द्रांश उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हो जाने के बाद से अनुमोदित वार्षिक कार्ययोजना के सापेक्ष वास्तविक रूप में केन्द्रीय सहायता कम दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अपर्याप्त केन्द्रांश जारी होने से अधिनियम के प्राविधानों को लागू करने में राज्य सरकार को बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रांश न मिलने के अभाव में शिक्षकों के वेतन का भुगतान, यूनीफार्म तथा गरीब वर्ग की बालिकाओं के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के संचालन जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां बाधित और प्रभावित हो रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को पत्र भेजकर यह अनुरोध भी किया कि सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत केन्द्रीय सहायता की अवशेष 2516.82 करोड़ रूपये की धनराशि को शीघ्र जारी किया जाये और इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को समुचित आदेश भी दिये जायंें, जिससे प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन सुचारू और प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य के विकास के लिए केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का केन्द्रांश भी तत्काल अवमुक्त किया जाए, ताकि इन योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके और इसका लाभ आम जनता को सुगमता से उपलब्ध हो सके।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार पर अनर्गल और बेबुनियाद आरोप लगा रही है कि राज्य की बी0एस0पी0 सरकार केन्द्र द्वारा उपलब्ध करायी गयी धनराशि का सुचारू रूप से उपयोग नहीं कर रही है और विकास कार्यों को संचालित कराने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है। जबकि सच्चाई यह है कि केन्द्र सरकार प्रदेश में संचालित विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं की धनराशि का अंश समय से अवमुक्त नहीं कर रही है और प्रदेश के विकास कार्यक्रमों में अड़गेबाजी डाल रही है। उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त होने के कारण केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश का न तो भला चाहती है और न ही प्रदेश को विकसित होते ही देखना चाहती है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत केन्द्रांश के रूप में दी जाने वाली पूरी धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है, जिससे विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं में केन्द्रांश अवमुक्त नहीं किया गया है, उनमें बुनियादी सुविधाओं के अलावा कृषि, राज्य औद्यानिक मिशन, वन, ग्रामीण विकास, स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना, नरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, इंदिरा आवास, ग्रामीण पेयजल, भूमि विकास एवं जलसंसाधन, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, पर्यावरण, सर्वशिक्षा अभियान, मध्यान्ह भोजन योजना, तकनीकी शिक्षा, परिवार कल्याण तथा शहरी नियोजन व गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम आदि शामिल हंै।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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