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आयोग ने प्रदेश विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2012 के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा मानकों के संबंध में कड़े दिशा-निर्देश जारी किये

Posted on 16 February 2012 by admin

भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2012 के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों जिन्हें मतगणना के लिए स्ट्रांग रूम में रखा गया है, के सुरक्षा मानकों के संबंध में नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि स्ट्रांग रूम, जहाॅं वोटिंग मशीनों को रखा गया है, में डबल लाॅक सिस्टम होना चाहिए। इसकी एक चाभी जिला निर्वाचन अधिकारी तथा दूसरी चाभी संबंधित विधान सभा क्षेत्र के रिटर्निंग आफिसर के पास रहेगी। स्ट्रांग रूम, जहाॅं वोटिंग मशीनें रखी गयी है, के पास द्विस्तरीय सिक्योरिटी व्यवस्था रखी जाय। सबसे आन्तरिक पेरीमीटर तथा स्ट्रांग रूम के बाहर सीपीएफ के जवान तथा आउटर मोस्ट पेरीमीटर पर राज्य पुलिस के कर्मी तैनात किये जायें।
निर्वाचन आयोग ने निर्देशों में कहा है कि सभी चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को लिखित रूप में सूचना भेजी जाय कि वे अपने प्रतिनिधियों को स्ट्रांग रूम के सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने के लिए तैनात करें। ये व्यक्ति इनर पेरीमीटर के बाहर एक ऐसे स्थान पर रह सकेंगे जहाॅं से वे स्ट्रांग रूम में प्रवेश द्वार को देख सकें। जहाॅं तक संभव हो ऐसे प्रतिनिधियांे के लिए शेड, पीने की पानी आदि की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी। यदि स्ट्रांग रूम का सीधे देख पाना संभव न हो पा रहा हो तो उन स्थानों जहाॅं पर वोटिंग मशीनें रखी गयी हैं, सीसीटीवी की व्यवस्था की जाय जिससे कि लोग प्रवेश द्वार पर नजर रख सकें। स्ट्रांग रूम के पास एक कन्ट्रोल रूम संचालित किया जाना चाहिए।
आयोग ने निर्देश दिये हैं कि वोटिंग मशीनों की सुरक्षा व्यवस्था के अनुश्रवण के लिए एक राजपत्रित अधिकारी की ड्यूटी पुलिस अधिकारी के साथ चैबीसों घण्टे लगायी जायेगी जो स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखेंगे। स्ट्रांग रूम के पास अग्नि सुरक्षा उपकरणों की समुचित व्यवस्था रहेगी तथा बिना प्रयोग की गयी ईवीएम मशीनों की भी चैबीस घण्टे की सुरक्षा व्यवस्था की जायेगी।
आयोग ने निर्देश दिये हैं कि इनर पेरीमीटर में किसी भी व्यक्ति को बिना प्रोटोकाल का पालन किये प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सीपीएफ द्वारा एक लागबुक रखी जायेगी जिसमें ऐसे व्यक्तियों के नाम जिन्होंने सेकेण्ड सिक्योरिटी रिंग को पार किया है, के नाम, तारीख, समय तथा तिथि का अंकन किया जायेगा। अंकन में पर्यवेक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, प्रत्याशी अथवा उसके एजेण्ट या अन्य कोई व्यक्ति शामिल होंगे। ऐसे प्रवेश को रिकार्ड करने के लिए सीपीएफ कन्टीजेन्ट में वीडियो कैमरा उपलब्ध कराया जायेगा जिसमें इनर पेरीमीटर में प्रवेश करने वाले लोगों की रिकार्डिंग की जायेगी। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्ट्रांग रूम वाली जगहों पर चैबीस घण्टे निर्बाध बिजली आपूर्ति जारी रहे, इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य बिजली बोर्ड के चेयरमैन, विद्युत परिषद के अधिकारियों से सम्पर्क कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे। आकस्मिक व्यवस्था के तहत स्टैण्ड बाई जनरेटर से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
आयोग ने निर्देश दिये हैं कि प्रत्याशियों को सीईओ, एडिशनल सीईओ, भारत निर्वाचन आयोग में डीईसी इंचार्ज, जिला निर्वाचन अधिकारी, एसपी, सीओपी/संबंधित रिटर्निंग आफिसर के फोन नम्बर उपलब्ध कराये जायेंगे जिससे उन व्यक्तियों को उपलब्ध करा सकें जिन्हें प्रत्याशियों द्वारा स्ट्रांग रूम स्थल पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए तैनात किया गया है। प्रत्याशी अपने लोगों को यह सलाह दे सकते हैं कि यदि आवश्यकता हो तो वे संबंधित व्यक्तियों से फोन पर बात कर सकते हैं।
आयोग के निर्देशों में कहा गया है कि स्ट्रांग रूम के सभी प्रवेश बिन्दुओं की लगातार वीडियोग्राफी करायी जायेगी जिसमें वेबकैमरा और उपलब्ध लैपटाप का प्रयोग किया जायेगा। यदि स्ट्रांग रूम का कोई अन्य प्रवेश द्वार है तो उसको वेबकैम/वीडियोग्राफी से आच्छादित किया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति लैपटाप लेकर बैकप लेने के लिए आयेंगे उन्हें परिचय पत्र जारी किये जाएं और उनके नामों का विवरण अग्रिम रूप से वहाॅं स्थित सीपीएफ कन्टिन्जेन्ट को अग्रिम रूप से उपलब्ध करा दिया जायेगा। इन लोगों के आने-जाने की वीडियोग्राफी सीपीएफ कन्टिन्जेन्ट द्वारा उपलब्ध कराये गये वीडियो कैमरा के माध्यम से लगातार करायी जायेगी।
आयोग ने निर्देश दिये हैं कि रिटर्निंग आफिसर उन स्टोरेज कैम्पस जहांॅं ईवीएम रखी गयी हैं केवल इन पैरामीटर तक प्रत्येक दिन सुबह-शाम निरीक्षण करेंगे वे लागबुक की चेकिंग तथा वीडियोग्राफी भी देखेंगे तथा प्रत्येक दिन की रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को देंगे। यदि ईवीएम रखने हेतु स्ट्रांग रूम जिला मुख्यालय पर बनाया गया है तो जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा यह निरीक्षण किया जायेगा। यदि स्ट्रांग रूम जिला मुख्यालय के बाहर स्थित है तो जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसे स्थलों का जल्दी-जल्दी कम से कम तीन-चार दिनों में एक बार निरीक्षण करेंगे। किसी भी अधिकारी, मंत्री अथवा राजनैतिक कार्यकर्ताओं के वाहन को सेक्योर्ड कैम्पस जहाॅं ईवीएम रखी गयी हैं प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। इस प्रयोजन के लिए एक लाइटिंग प्वाइंट बनाया जायेगा जहाॅं वाहन खड़े होंगे और यह स्थान आउटर सिक्योरिटी के बाहर चिन्हित किया जायेगा। इस स्थान के पश्चात् केवल पैदल जाने की अनुमति होगी। जिला मजिस्ट्रेट/एसपी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे और उन्हें आयोग के निर्देशों का अनुपालन करना होगा। आयोग ने यह भी निर्देश दिये हैं कि इन निर्देशों से जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग आफिसर्स, सीपीएफ कमान्डेन्ट तथा सभी प्रत्याशियों को अवगत करा दिया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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