खराब मौसम के बावजूद उत्तर प्रदेश में राज्य विधान सभा चुनावों के प्रथम चरण में 8 फरवरी,2012 को 62 प्रतिशत जनता ने मतदान किया। लोगों के इस उत्साह और मतदान के प्रति जागरूकता की सभी नेे मुक्त कंठ से प्रशंसा की। मतदाताओं के प्रति आभार जताया। किन्तु मतदान के दूसरे चरण में 11 फरवरी,2012 को मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई। मात्र 59 प्रतिशत मतदान हुआ। यह गिरावट चिन्ताजनक है और इसके पीछे गहरी साजिश होने का अंदेषा है।
विधान सभा चुनावों की शुरूआत से ही जनता में बसपा के कुशासन के खिलाफ भारी जनाक्रोश और समाजवादी पार्टी के पक्ष में जन लहर चल रही है। कांग्रेस और भाजपा तीसरे-चैथे स्थान के लिए संघर्षरत हैं। हारे थके ये सभी दल समाजवादी पार्टी के विरोध में हैं। इसलिए अपनी खोई हुई जमीन से परेशान कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की नाव के साथ डूबने को तैयार बसपा से साठगांठ कर ली है और इसमें बसपा के दलाल बन चुकी नौकरशाही भी शामिल हो गई है। इनकी मंशा पिछड़ों और मुस्लिमों के वोट पड़ने से रोकने की है क्योंकि इनमें कांग्रेस बसपा की दाल नहीं गल रही है। यह लोकतंत्र विरोधी आचरण है। चुनाव आयेाग को इसका तुरन्त संज्ञान लेना चाहिए।
समाजवादी पार्टी ने पहले ही यह आशंका जताई थी कि प्रदेश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों के रास्ते में मुख्यमंत्री और उनके चहेते अफसरान हर तरह के अड़ंगे लगाएगें। तमाम शिकायतों के बावजूद कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, डीजी पीएसी श्री बृजलाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री फतेहबहादुर सिंह, डी0आई0जी0 श्री डी0के0 ठाकुर को उनके पदों पर बरकरार रखा गया है और ये अफसरान अभी भी पंचमतल से अधीनस्थ अधिकारियों पर बसपा के पक्ष में दबाव बना रहे हैं। ये अफसर समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने से भयभीत हंै इसलिए मतदान में अभी से गड़बड़ी करने लगे है। देवरिया के रूद्रपुर और पथरदेवा विधान सभा क्षेत्र में तो मतदाताओं पर लाठीचार्ज किया गया। कांग्रेस भी मिलकर खेल कर रही है और वह भी स्वतंत्र ढंग से काम कर रहे अधिकारियों के विरूद्ध है।
जनता के बीच अपनी प्रतिष्ठा खोए हुए कांग्रेस-भाजपा के नेता चुनाव परिणामों के आने के पहले से ही समाजवादी पार्टी को सत्ता में आने से रोकने की तरकीबें भिड़ाने लगे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रदेश में राष्ट्रपति राज की बात करने लगे हैं तो भाजपा को मध्यावधि चुनाव की सम्भावना दिखती है स्पष्ट है कि उन्हें जनता के निर्णय का सम्मान नहीं करना है, साजिशें रचकर जनमत को ठुकराना है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित कर आगे नेतृत्व में लाने का काम किया है और प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी क्रान्तिरथ यात्रा से नौजवानों में नई उमंग भरी है। उन्होने नौजवान पीढ़ी से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान की अपील की है। उन्होने नौजवानों का इसके लिए अभियान चलाने का आव्हान किया है।
समाजवादी पार्टी को विश्वास है कि जनता झूठे भ्रामक प्रचार में नहीं आएगी और साजिशकर्ताओं को करारा जवाब देगी। बसपा के एजेन्ट बने अधिकारियों से भी यह कहना है कि वे अब अपनी साजिशें बंद कर दें, जनता को न तो मतदान से हतोत्साहित करें और नहीं किसी प्रकार का दबाव बनाएं। समाजवादी पार्टी सत्ता में आते ही ऐसे अफसरों की जवाबदेही तय करेगी जो अपनी सेवा नियमावली के प्रतिकूल आचरण करते पाए जाते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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