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युवाओं के जोष से भी कांग्रेस के प्रति भारी समर्थन का संकेत मिल रहा है

Posted on 12 February 2012 by admin

उ0प्र0 में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर के मतदान में मतदाताओं द्वारा रिकार्डतोड़ मतदान करने से यह साबित हो गया है कि उ0प्र0 में बदलाव की बयार पूरे जोर-शोर से बह रही है और मतदाताआंे ने श्री राहुल गांधी द्वारा पिछले 22 वर्षों की बदहाली दूर करके, उ0प्र0 केा विकास के रास्ते पर अग्रसर करने के लिए कांग्रेस के पक्ष में राजनीतिक बदलाव करने की अपील का पूर्वांचल के मतदाताओं ने भी भारी समर्थन किया है। खासतौर पर मतदान के लिए युवाओं के जोष से भी कांग्रेस के प्रति भारी समर्थन का संकेत मिल रहा है।
उ0प्र0 कंाग्रेस मुख्यालय में नियमित प्रेस ब्रीफिंग में प्रदेष कंाग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कंाग्रेस नेता सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरे दौर के मतदान वाले जिलों में मऊ, आजमगढ़ और इसके आसपास की विधानसभाएं शामिल हैं, जहां कंाग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि बुनकर समाज का भारी समर्थन मिलेगा, क्योंकि श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में यह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने बुनकरों को 6234 करोड़ का सहायता पैकेज दिया और उन्हें उनके कर्जों से मुक्ति दिलायी है। जिलों से प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय केा प्राप्त हुए आंकलन के अनुसार मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी के समर्थन में भारी मतदान किया है।
केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाएं मूलतः किसानों और खेती के विकास के लिए बनायी गयी हैं। पिछले 5 वर्षोंं में इन योजनाओं के अंतर्गत लगभग 6 हजार करोड़ रूपये केन्द्र सरकार ने दिये हैं। परन्तु यह धन घोटाले और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। एनआरएचएम के बाद यह एक दूसरा बड़ा घोटाला है जिसकी जांच सीबीआई द्वारा कराये जाने की आवश्यकता है। इन योजनाओं के अंतर्गत इनपुट सप्लाई में बड़ा घोटाला हुआ। जहां एक हजार पाली हाउस बनाने के लिए धन दिया गया वहीं दो-चार पाली हाउस बने और बाकी धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। यहां तक कि जो दो चार पाली हाउस बने वह भी मानक के अनुरूप नहीं बने। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत दिये गये धन का निर्माण कार्यों में उपयोग वर्जित है। इसके बावजूद बिल्ंिडंग के नवीकरण और निर्माण में करोड़ों रूपये खर्च किये गये, यहां तक कि लाखों रूपये की टाइलें लगीं, तोड़ी गयीं और फिर दुबारा लगीं। ‘‘अपनी मिट्टी पहचानों कार्यक्रम’’ केवल कागजों पर चला है और जमकर पैसे की लूट हुई है। अक्टूबर माह में खेतों में पानी लगा होता है और मिट्टी गीली होती है और उसकी जांच नहीं हो सकती, लेकिन अक्टूबर माह में मिट्टी की जांच दिखाई गयी है। कांग्रेस पार्टी को यह पता चला है कि कृषि विभाग के सहारनपुर, झांसी आदि कई मंडलों के संयुक्त निदेशकों ने इन अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार का विरोध भी किया किन्तु उनकी आवाज दरकिनार कर दी गयी। इसी प्रकार 250 से 300 करोड़ की जिंक सल्फेट की खरीद कृषि विभाग द्वारा की गयी जिसे इस खरीद का अधिकार ही नहीं है। खरीद का अधिकार यू.पी. एग्रो के पास है और यू.पी. एग्रो ने इस खरीद का विरोध भी किया है परन्तु कायदे कानून को धता बताते हुए यह खरीद की गयी और जिंक सल्फेट कहां चला गया किसी को पता नहीं है। इसी तरह ट्रैक्टरांे को बांटने की योजनाएं बनीं, कितने ट्रैक्टर बंटे और किसको मिला, इसका कोई रिकार्ड नहीं है। इतना जरूर है कि श्री नसीमुद्दीन के क्षेत्र बांदा में उनके कुछ लोगों को इसका लाभ जरूर मिला। इसी तरह से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बीज और बायो फर्टिलाइजर के मद में फर्जी खरीद दिखाई गयी, योजना का फर्जी क्रियान्वयन दिखाया गया और उसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंचा। कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये शोसल आडिट में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आयी है कि पूरे प्रदेश में वर्मी

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कम्पोस्ट एवं नैडप के गड्ढे बनाने पर करोड़ों रूपये का खर्च दिखाया गया परन्तु नब्बे फीसदी फण्ड का दुरूपयोग हुआ है और लाभार्थियों के यहां सत्यापित करने पर पता चला कि उन्हें ऐसा कोई लाभ नहीं मिला। इसी प्रकार बीज विकास निगम द्वारा गल्ले का गेहूं बीज दिखाकर एवं अपनी उत्पादन क्षमता से अधिक उत्पादन दिखाकर फर्जी भुगतान कराया गया था। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत एक ही नर्सरी को एक ही सीजन में तीन-तीन बार फर्जी भुगतान किया गया। कुल मिलाकर कंाग्रेस पार्टी का यह आरोप है कि यदि इस मामले की सीबीआई द्वारा जांच करा ली जाय तो यह एनआरएचएम के स्तर का बड़ा घोटाला साबित होगा। हमारा यह भी आरोप है कि अभी तक तो किसानों की जमीनों के अधिग्रहण और उनको उर्वरक मुहैया कराने में ही राज्य सरकार ने किसानों को खुलकर लूटा था लेकिन अब किसानी, खेती और बागवानी और उससे जुड़े विकासपरक अनुसंधानों का धन भी बसपा सरकार के नेता और मंत्री अपनी तिजोरियांे में भरने में लगे रहे। यहां यह भी स्पष्ट कर देना जरूरी है कि कुछ समय पहले तक इस मंत्रालय का प्रभार श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पास था जिसे बाद में चै0 लक्ष्मीनारायण को दे दिया गया है। इस घोटाले में मुख्यमंत्री सहित इन दोनों मंत्रियों की भूमिका की भी जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए।
श्री श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में दलित ही अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण जनपद अम्बेडकरनगर में बसपा के कार्यालय में एक दलित छात्रा के साथ दुवर््यवहार किये जाने की घटना है। जिसे बंधक बनाकर अकारण ही मारापीटा गया और अब शासन के दबाव में उसे अपना बयान बदलने को मजबूर किया जा रहा है। गौरतलब तथ्य यह भी है कि सुश्री मायावती के शासनकाल में वह और उनका परिवार तो अरबों-खरबों के वारे न्यारे कर रहे हैं, उनके मंत्री और विधायक करोड़पतियों में शुमार हो गये, लेकिन आम दलितों की हालत जस की तस बनी हुई है और वह आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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