अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी0ई0टी0) परिणाम में संशोधन करके कतिपय अराजक तत्वों द्वारा कुछ अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए धन उगाही किये जाने का मामला प्रकाश में आने पर राज्य सरकार ने इस पर गम्भीर रुख अपनाया और मामले की विवेचना एस0टी0एफ0 की मदद से कराने का फैसला लिया। विवेचना में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, श्री संजय मोहन की संलिप्तता प्रकाश में आने पर उन्हें गिरफ्तार करते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित भी कर दिया गया है।
यह जानकारी आज यहां माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि टी0ई0टी परिणाम में संशोधन करके कुछ लोगों को पास कराने के लिए कुछ अराजक तत्व सक्रिय हैं। सूचना के आधार रमाबाई नगर में 31 दिसम्बर, 2011 को पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई जिनसे लगभग 87 लाख रुपये बरामद हुये, जिसके सम्बन्ध में मुकद्मा संख्या-675/2011 धारा 420/120बी आई0पी0सी व 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम थाना अकबरपुर, रमाबाई नगर में दर्ज कराया गया है। घटना में शामिल तत्वों की जानकारी करने के लिए एस0टी0एफ की मदद ली गई। विवेचना के क्र्रम में दिनांक 6 जनवरी, 2012 को चार तथा 9 जनवरी, 2012 को दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। उन्होंने बताया कि प्रकरण की विवेचना में श्री संजय मोहन की संलिप्तता प्रकाश में आयी, जिसके आधार पर उन्हें 7 फरवरी, 2012 को गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी0ई0टी) 13 नवम्बर, 2011 को करायी गई थी, जिसमें लगभग 1153155 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। पूर्ण पारदर्शिता हेतु इस परीक्षा में सभी अभ्यर्थियों को आन्सर शीट की एक प्रति उपलब्ध करायी गई तथा इस परीक्षा के सही उत्तर इण्टरनेट पर अपलोड कर दिये गये। इस प्रकार सभी परीक्षार्थियों को अपने नम्बर आगणित करने का अवसर उपलब्ध कराया गया। परीक्षा का परिणाम 26 नवम्बर, 2011 को घोषित कर दिया गया, जिसमें लगभग 2,70,000 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुये। कुछ प्रश्नों के उत्तर पर विवाद होने के कारण परीक्षार्थियों द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में याचिकायें दायर की गई। मा0 उच्च न्यायालय द्वारा 16 दिसम्बर, 2011 को 6 प्रश्नों को हटाते हुये पुनः मूल्यांकन करने के आदेश दिये गये, जिसके क्रम में संशोधित परिणाम 23 दिसम्बर, 2011 को बेसिक शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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