समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने एक वक्तव्य में कहा है कि आज कल कांग्रेस के एक महासचिव के बयान उनकी बदहवाशी जताते हंै। जनता की अनुकूल प्रतिक्रिया न पाकर हताशा और कुंठा में वे अब कांगे्रस को खड़ा करने में ही अपनी ताकत लगाने की सोच रहे है। इसे दर्शाने के लिए उन्हें मीडिया के सामने खुद उठा बैठक भी करना पड़ी लेकिन जो पार्टी कई दशकों से गिरी हुई है, लकवाग्रस्त है और अपनी सांसे गिन रही है उसे कितना भी आक्सीजन दिया जाए उठनेवाली नहीं है। कांग्रेस ने समाज के हर वर्ग का विश्वास खो दिया है। दूसरे कांग्रेस महासचिव राष्ट्रपति षासन लगने के आशंका जता कर प्रदेश की जनता और लोकतंत्र में चुनाव की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। चुनाव से पहले इस तरह की बातों से जाहिर हैं कि कांग्रेस पहले ही मैदान से बाहर हो गयी है। जनता से तो उसे जनादेश मिलने वाला नहीं है।
समाजवादी पार्टी और इसके नेता श्री मुलायम सिंह यादव के बारे में कुछ कहने से पहले कांग्रेस के युवा नेता को उनकी पृष्ठभूमि भी जान लेनी चहिए थी। श्री यादव राजनीतिक कद में इस समय देश के सबसे बड़े नेता हैं जो किसानों और शोषितों की आवाज बन गए हंै। राजनीति में 55 वर्षो से सक्रिय रहकर उन्होने गांधी जी, चैधरी चरण सिंह और डा0 लोहिया की नीतियों को लागू करने के लिए सतत संघर्ष किया है। श्री राहुल गांधी व्यर्थ ही नेताजी की बात करते हंै जबकि वे तो अब श्री अखिलेश यादव के सामने भी कहीं टिक नहीं रहे हैं। श्री गांधी की सभाएं जहां सैकड़ों में सिमट गई वहीं अखिलेश जी की सभाओं में हजारों की भीड़ होती है और उनके स्वागत में जोशीला जनसैलाव उमड़ पडता है।
Sri Akhilesh Yadav (State President,Samajwadi Party,U.P) addressing Election Campaign meetings at Machlishahar and Mugrabadshahpur (Jaunpur).
कांग्रेस के युवा नेता को समाजवादी पार्टी पर बोलने से पहले कुछ बुनियादी तथ्य भी जान लेना चाहिए। पहली बात तो यह है कि केन्द्र में जो कांग्रेस नीत यूपीए सरकार बनी है उसका श्रेय श्री मुलायम सिंह यादव को ही जाता है। यदि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के कमल को खिलने से रोका नहीं होता तो केन्द्र में सांप्रदायिक ताकतों का दबदबा होता। यूपीए सरकार को धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते ही समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन दे रखा है।
कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि राजनीति के अपराधीकरण और गुण्डातत्वों की भर्ती की शुरूआत तथा लोकतंत्र का अपहरण कर आपातकाल लगाने का काम उसी ने किया था। टूजी स्पेक्ट्रम, कामनवेल्थ गेम्स जैसे महाघोटालों की गठरी भी कांग्रेस के हिस्से में है।
श्री गांधी को यह भी मालूम होना चाहिए कि पूरे पांच साल तक बसपा ने उत्तर प्रदेष में जो लूट मचाई है और अत्याचार, बलात्कार को बढ़ावा दिया है उसके मुकाबले सिर्फ समाजवादी पार्टी ही संघर्श के लिए सड़क पर उतरी है। बसपा सरकार ने पत्थरों पर जनता की गाढ़ी कमाई फंूकी, इसका सक्रिय विरोध सिर्फ समाजवादी पार्टी ने किया। इसके बदले बसपा सरकार ने एक लाख से ज्यादा समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें लगाए हैं। सार्वजनिक रूप से उत्पीड़न और अपमान किया है।। प्रदेश की जनता यह कैसे भूल सकती है कि बसपा के हाथी को इस सबकी छूट कहां से मिली है? कांग्रेस ने बसपा के भ्रष्ट कारनामों को मूक समर्थन दिया और इस तरह उनके साथ हिस्सेदारी निभाई है।
सच तो यह है कि कांग्रेस के महासचिव उत्तर प्रदेश में अपनी इन बातों से धर्मनिरपेक्ष ताकतों को ही कमजोर कर रहे हैं। वे जनता में भ्रम फैला रहे हैं। जितना नुकसान भाजपा ने सांप्रदायिक एकता और सौहार्द को पहुॅचाया है उतना ही कांग्रेस भी जिम्मेदार है। कांग्रेस समाजवादी पार्टी को नहीं अपने अस्तित्व के साथ धर्मनिरपेक्षता को भी क्षति पहुॅचा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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