‘‘राज्य शासन की आत्मसमर्पित नक्सली पुर्नवास योजना अंतर्गत कांकेर पुलिस की मिली बड़ी सफलता ‘‘
पूर्वबस्तर डिविजन कमेटी सदस्य, परतापुर जनमीषिया कमाण्डर, सीएनएम एरिया कमाण्डर, कोयलीबेड़ा क्षेत्र के नक्सली कमाण्डर एवं डिप्टी कमाण्डर सहित एक प्लाटून सदस्या ने किया आत्मसमर्पण ‘‘
राज्य शासन व्दारा वर्ष 2008 में तैयार की गई आत्मसमर्पित नक्सली पुर्नवास नीति को उस समय एक बड़ी सफलता हाथ लगी जिसमें पुलिस अधीक्षक श्री राहुल भगत के अथक प्रयासों के फलस्वरूप जिले के पानीडोबिर कोयलीबेड़ा अंतागढ़ रावघाट केषकाल एवं कोरर जैसे पृथक पृथक क्षेत्र में सक्रिय 07 हार्डकोर नक्सलियों ने अपनी अपराधिक माओवादी नक्सली गतिविधियों से मोह त्याग कर पुलिस एवं प्रषासन के समक्ष आत्मसमर्पण करते हुये समाजिक मुख्य धारा से जुड़ने का निर्णय लिया । दिनांक 30.01.2012 महात्मा गांधी के पुण्य-तिथि दिवस पर सांध्यकाल के समय पूर्व बस्तर डिविजन कमेटी के सक्रिय नक्सली सदस्य सुनील उर्फ राजेष कुमार मतलाम, उसकी पत्नि एवं कोरर एरिया कमेटी की सी0एन0एम0 कमाण्डर जैनी उर्फ जयंती कुरोटी, परतापुर क्षेत्र के जनमीलिषिया कमाण्डर रामदास, एवं उसकी पत्नि व पानीडोबिर (कोयलीबेड़ा) एल0ओ0एस0 की डिप्टीकमाण्डर सुषीला, सीतापुर (कोयलीबेड़ा) एल0ओ0एस0 के कमाण्डर जयलाल एवं उसकी पत्नि तथा सीतापुर एल0ओ0एस0 की सदस्या आसमनी उर्फ सनाय, और रावघाट में सक्रिय प्लाटून नम्बर 25 की सदस्या सामो मण्डाबी ने अपनी माओवादी नक्सली जिंदगी को अलविदा कहते हुये बस्तर जोन के पुलिस महानिरीक्षक श्री टी0जे0लांगकुमेर, पुलिस उपमहानिरीक्षक कांकेर क्षेत्र श्री जयंत थोर्राट, पुलिस अधीक्षक श्री राहुल भगत और कांकेर जिले में गठित आत्मसमर्पित नक्सली पुर्नवास समिति के पदाधिकारियों के समक्ष आत्म समर्पण किया । ज्ञातब्य रहे कि राज्य शासन ने नक्सलियों के आत्म समर्पण किये जाने पर उनके पुर्नवास के लिये नीति का निर्धारण किया हैं, जिसके अंतर्गत प्रत्येक नक्सली जिले में आत्म समर्पित करने वाले नक्सली को उसके समाजिक जीवन यापन करने में सहयोग कराने के उद्देष्य से सुविधायें उपलब्ध कराने के निर्देष हैं । राज्य शासन की इस नीति के अंतर्गत आत्म समर्पित नक्सलियों को रहने के लिये सुरक्षित स्थान पर शासकीय मकान, जीविकोपार्जन के लिये सुरक्षित स्थान पर कृषि भूमि अथवा व्यवसाय करने के लिये शासकीय प्लाट अथवा षिक्षा की योग्यता के अनुरूप शासकीय नौकरी, तत्काल राहत राषि, किन्ही परिस्थितियों मे आत्मसमर्पित जीविकोपार्जन में असमर्थ हो तो उनके नाम से फिक्स डिपाजिट, सहित राज्य शासन ने अनेक कल्याण कारी योजनाओं में आत्मसमर्पित नक्सलियों को आर्थिक एवं समाजिक सम्मान प्राप्त करने के अवसर प्रदान किये हैं । राज्य शासन ने इस नीति के अंतर्गत हथियार सहित आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को पच्चीस हजार रू0 से तीन लाख रू0 तक की राषि प्रदान करने एवं उसके केडर के अनुसार घोषित इनाम राषि जो रू0 पचास हजार से बारह लाख तक हो सकती हैं को भी आत्मसमर्पित नक्सली को सीधे दिये जाने का प्रावधान रखा हैं । आत्मसमर्पित नक्सली के अपराधों की समीक्षा कर उसे समाप्त करने के प्रावधान भी इस नीति अंतर्गत दिये गये हैं ।
आत्म समर्पित नक्सली सुनील वर्तमान में पूर्व-बस्तर डिविजन कमेटी का सदस्य रहते हुये कोरर क्षेत्र में सक्रिय रहा हैं । इससे पूर्व वह करीब 3 साल तक केषकाल एरिया कमेटी एवं करीब 4 साल तक रावघाट एरिया कमेटी का सचिव रहा हैं । सुनील विगत् 11 सालो से माओवादी गतिविधियों में लिप्त रहा हैं । इसके विरूद्ध थाना अंतागढ़, रावघाट, कोयलीबेड़ा भानुप्रतापपुर एवं कोरर थानों में लगभग 46 मामले पंजीबद्ध हैं एवं इसके विरूद्ध वारंट न्यायलय व्दारा जारी किये गये हैं । इसी प्रकार उसकी पत्नि जैनी उर्फ जयंती कुरोटी विगत् 03 साल से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हैं । वह पानीडोबिर एलओएस में कार्य करने उपरांत वर्तमान में कोरर एरिया कमेटी में सीएनएम कमाण्डर पर कार्य करते हुये कोरर क्षेत्र के बालक बालिकाओं को नक्सली सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रशिक्षण देकर उन्हे सीएनएम सदस्य बनाने हेतु प्रयासरत् थी । जैनी के विरूद्ध भी थाना भानुप्रतापपुर तथा कोरर थाने 05 प्रकरण दर्ज हैं ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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