अनुरक्षण कार्य के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर स्केफोल्डिंग लगायी गयी
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने मान्यवर श्री कांशीराम जी की प्रतिमाओं को लखनऊ में ढके जाने सम्बन्धी समाचार को पूरी तरह भ्रामक एवं तथ्यों से परे बताया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर स्थापित मान्यवर श्री कांशीराम जी की प्रतिमाओं को ढके जाने के लिए न तो भारत निर्वाचन आयोग ने कोई आदेश दिये और न ही लखनऊ के जिला प्रशासन ने ऐसी कोई कार्रवाई की।
प्रवक्ता ने कहा कि सन्दर्भित समाचार में जिस प्रतिमा को ढके जाने का उल्लेख किया गया है, वह गोमती नदी के बंधे पर स्थित सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल में स्थापित है। इस सम्बन्ध में सही तथ्य यह कि वर्तमान में उक्त स्थान पर अनुरक्षण का आवश्यक कार्य प्रगति पर है। अनुरक्षण कार्य के दौरान वहां किसी पर्यटक को कोई चोट न लगे और अनुरक्षण संबंधी कार्य भी बगैर किसी बाधा के सम्पन्न कराया जा सके, इसे ध्यान में रखते हुए उक्त स्थल पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्केफोल्डिंग लगायी गयी है।
सरकारी प्रवक्ता ने यह भी बताया कि लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर मान्यवर श्री कांशीराम जी की प्रतिमायें स्थापित हैं। इनमें बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, बौद्ध विहार शांति उपवन, स्मृति उपवन (मान्यवर श्री कांशीराम जी सांस्कृतिक स्थल) तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल के परिसर में स्थापित प्रतिमाओं के साथ-साथ गोमती नदी के बंधे के नीचे भागीदारी भवन को जाने वाली सड़क पर स्थापित प्रतिमा सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्त स्थानों पर स्थापित मान्यवर श्री कांशीराम जी की प्रतिमाओं को ढका नहीं गया है। उन्होंने कहा कि इन समस्त तथ्यों के मद्देनजर जिस किसी भी व्यक्ति ने प्रतिमाओं को ढके जाने की बात कही, उससे स्पष्ट हो जाता है कि उस व्यक्ति को सही स्थिति की जानकारी नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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