भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम में पारदर्शिता बरतने के उद्देश्य से ई.वी.एम. (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) के दो चरणों में रैन्डमाइजेशन हेतु सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।
आयोग के निर्देशानुसार प्रथम रैन्डमाइजेशन हेतु सभी जिला निर्वाचन अधिकारी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अभ्यर्थियों की मौजूदगी में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को आवंटन के लिए कन्ट्रोल यूनिटों/बैलेट यूनिटों के रैन्डमाइजेशन के लिए एक कार्यक्रम तय करेंगे जो मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण के शुरू होने से पहले कन्ट्रोल यूनिटों/बैलेट यूनिटों को समूह में रखते हुए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान के दिन की आवश्यकताओं तथा अपेक्षित आरक्षण ईवीएम सहित रैन्डमाइजेशन के रूप में चयन किया जाएगा।
इसी प्रकार पुनः अतिरिक्त बैलेटिंग यूनिटों को भी सामूहिक रूप से रैन्डमाइजेशन किया जाए तथा प्रशिक्षण के प्रयोजनार्थ (मतदान कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ मतदाता की जागरूकता के प्रयोजन के लिए भी) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रवार आवंटन किया जायेगा। मैरून कलर का स्टिकर, प्रशिक्षण के प्रयोजनार्थ अलग रखे गये कन्ट्रोल यूनिटों/बैलेटिंग यूनिटों के सामने की तरफ चिपकाया जायेगा जिन पर स्पष्ट रूप से वर्ष के साथ राज्य का नाम, प्रशिक्षण कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट दर्ज किया जायेगा। कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट का रैन्डमाइजेशन करते समय समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केन्द्रों की संख्या का हिसाब रखा जायेगा।
प्रत्येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र को मतदान केन्द्र में प्रयोग करने तथा ईवीएम के प्रशिक्षण के लिए आवंटित कन्ट्रोल यूनिट एवं बैलेटिंग यूनिट की रैन्डमाइजेशन सूची अलग-अलग से तैयार की जायेगी। इस सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को सौंपी जायेगी। यदि रैन्डमाइजेशन के समय प्रतिनिधि मौजूद नहीं है तब भी सूची पार्टी कार्यालय भेजकर उसकी रसीद प्राप्त करना आवश्यक होगा।
इसी प्रकार दूसरे रैन्डमाइजेशन के समय निर्वाचन में इस्तेमाल के लिए कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट को तैयार करने के लिए निश्चित दिन पर रिटर्निंग आफिसर यह सुनिश्चित करेेंगे कि विद्यमान अनुदेशों के अनुसार कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट की तैयारी उम्मीदवार अथवा उसके अभिकर्ता अथवा प्राधिकृत प्रतिनिधि तथा पर्यवेक्षक की उपस्थिति में की गई है। रिटर्निंग आफिसर विनिर्दिष्ट मतदान केन्द्रों को कन्ट्रोलिंग यूनिट/बैलेटिंग यूनिट का दूसरा रैन्डमाइजेशन से प्रतिचयन करेगा। इसके उपरान्त चिपकाने वाले लेवल पर दिये गये खाॅंचे में उस मतदान केन्द्र का मतदान केन्द्र संख्या लिखेगा जिसे रेन्डम रूप से कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट आवंटित की गई है। बाकी बची कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट (जिन्हें किसी भी विनिर्दिष्ट मतदान केन्द्र को आवंटित नहीं किया गया है) को आवश्यकता पड़ने पर इस्तेमाल के लिए आरक्षित (रिजर्व) के रूप में रखा जायेगा। मतदान केन्द्र संख्या के लिए बनाये गये खाॅंचे में ऐसे कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट पर ‘आर’ चिन्हित किया जाएगा जिसका अभिप्राय ‘आरक्षण’ से होगा।
उपर्युक्तानुसार, मतदान केन्द्र के अनुसार कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट याद्रिच्छिक रूप से चिन्हित किए जाने पर मतदान केन्द्र संख्या से मिलान कर पहचाने जाएंगे तथा एक साथ टैग लगा कर युगल रूप से रखे जाएंगे। तैयार कक्ष में उपस्थित कोई भी अभ्यर्थी/अभिकर्ता ई.वी.एम. की कार्य प्रणाली के बारे में स्वयं संतुष्ट होने के लिए ‘छद्म मतदान तथा परिणाम’ के माध्यम से प्रमुख प्रशिक्षक/तकनीकी कार्मिक, यदि उपलब्ध हो तो, कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट की दोबारा जांच करवा सकता है। रिटर्निंग आफिसर को भी पूर्व कारी उपाय के रूप में ई.वी.एम. की कार्य प्रणाली के स्तर की जांच करने के लिए कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट युगलों में से कम से कम 10 प्रतिशत की आकस्मिक जांच करनी चाहिए।
इसके बाद प्रत्येक मतदान केन्द्र को आवंटित कन्ट्रोल यूनिट/बैलेटिंग यूनिट का मशीन नं0 तथा वर्तमान आई डी दर्शाने वाली मतदान केन्द्रवार सूची तैयार कर रिटर्निंग आफिसर द्वारा हस्ताक्षरित की जाएगी। रिटर्निंग आफिसर वर्तमान आई डी तथा मशीन नं0 दर्शाते हुए आ. ( R) अक्षर से चिन्हित यूनिट/बैलेटिंग यूनिट की एक अलग सूची भी तैयार की जायेगी और दोनों सूचियों पर रिटर्निंग आफिसर द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और सूची की प्रतियां अभ्यर्थियों/अभिकर्ताओं/प्रतिनिधियों को दी जाएगी और पावती के रूप में उनके हस्ताक्षर प्राप्त किए जाएंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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