Categorized | लखनऊ.

छोटा राज्य, सुखी राज्य

Posted on 31 January 2012 by admin

नव राज्य निर्माण महासंघ एवं बुद्धिजीवी फोरम हैदराबाद के प्रतिनिधियों ने प्रेस क्लब लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि छोटे राज्यों के गठन से ही देश के आमजनों तक विकास पहुँचता है, इसलिऐ छोटे राज विकास की नई मिसाले पेश कर रहे है। छोटे राज्यों का समर्थन करने वाली बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती द्वारा उत्तर प्रदेश को चार हिस्से में बाँटने के प्रस्ताव को विधानसभा में पारित कराने के कारण उनकी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया।

नव राज्य निर्माण महासंघ के चैयरमेन बाबा आर.के.देव तोमर ने कहा हमारा फेडरेशन फोर न्यू स्टेट उत्तर प्रदेश की जनता से अपील करता है कि प्रदेश का पुर्नगठन करने का साहस करने वाली तथा देश के इतिहास में पहली बार 20 से अधिक मंत्रियों कों लोकायुक्त की सिफारिश तथा भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री पद से अपने ही पार्टी के लोगांे को बर्खास्त कर चुकी मुख्यमंत्री स्वयं बड़े राज्य की मुख्यमंत्री होते हुये उसी राज्य के बटवारे का ऐतिहासिक निर्णय लेकर आम आदमी के आॅगन में विकास की कुंजी ले जाने की पहल करने वाली बहुजन समाज पार्टी को विधानसभा चुनाव में समर्थन दे। बुद्धिजीवी फोरम के  प्रतिनिधि जी.सत्यनारायण ने कहा पिछले 50 वर्षो से तैलांगना की जनता अपने राज्य अभिलाषा के लिये सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ रही है। यूपी-1 एवं यूपी -2 में कांग्रेस ने तेलंगाना की मांग पर धोखा देने के अलावा कुछ नही किया है। चन्ना रेड्डी के समय से ही कांग्रेस तेलंगाना के मुद्दे पर विभिन्न प्रकार के अवरोध खड़े करके इस मामले को लटकाती रही है। तेलंगाना के बुद्धिजीवी वर्ग के इंजिनियर, प्रोफेसर, पत्रकार, लेखक तथा समाजसुधारक पूरे क्षेत्र में तेलगांना के लिये जनजागरण कर रहे है। उन्हीं की पहल पर उत्तर प्रदेश में छोटे राज्य की समर्थक बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का समर्थन करने उत्तर प्रदेश के दौरे पर आये है। पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर मायावती की बहुजन समाज पार्टी का समर्थन करेंगे। प्रदेश की जनता से अपील करते हुये प्रोफेसर बिमला ने कहा कि बड़े राज्य होने के कारण अन्तिम छोर पर रहने वालों लोगों तक विकास नही पहुंच पाता है। छोटे राज्य की बिना विकास होना कठिन है। हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हिमांचल इसके उद्धाहरण है।

ठाकुर जनक सिंह ने कहा सरकार वोटिंग के समय छोटे राज्यों के प्रति अपनी सहमति व्यक्त करती है और सत्ता मिलते ही मुकर जाती है। उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के मामले में दिल्ली की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार कहती रही विधानसभा से जबतक प्रस्ताव पास नही होगा हम विचार नही करेंगे। अब सुश्री मायावती ने विधानसभा में राज्य के पुनर्गठन का प्रस्ताव पारित करा दिया तो अनेक सवाल खड़े कर रही है। प्रो0 रमेश रेड्डी ने कहा मकान की सुरक्षा जिस प्रकार मकान मालिक ही करता है किरायेदार नही उसी प्रकार अपने क्षेत्र के विकास के प्रति जवाब देह क्षेत्र के लोग ही होते है। छोटे राज्यों से क्षेत्र के लोगों को अपने विकास का माॅडल चुनने का अधिकार रहेगा। दिल्ली में बैठे लोग सूखे से पीडि़त बुन्देलखण्ड में केले की खेती और धान की खेती के लिये अनुदान देने वाली स्कीम की घोषणा करते है उन्हें पता ही नही है कि बुन्देलखण्ड में धान और केले की खेती हो ही नही सकती है। यही हाल इतने बड़े उत्तर प्रदेश का पिछले 60 वर्षो से है। कांग्रेस के युवराज कहते है कि दिल्ली और मुम्बई में यूपी कें लोग भीख माँगते है उसका कारण बड़ा राज्य है। छोटा राज्य होगा सभी को रोजगार मिलेगा और आगे बड़ने का अवसर मिलेगा। बी.बी. राव ने कहा कि जब सारी दुनियाँ विकेन्द्रीय करण में विकास का रास्ता खोज रही है। ऐसे समय में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने समय के अनुसार फैसला लेकर उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन को दूर करने के लिये पुनर्गठन का जो निर्णय लिया है उसी के अनुसार सारे देश के बड़े राज्यों कें मुख्यमत्रियों को प्रेरणा लेकर अपने-अपने राज्यों को भी पुनगर्ठन करने के लिये पहल करनी चाहिऐ। छोटा परिवार सुखी परिवार की तरह ही ‘‘छोटा राज्य, सुखी राज्य’’ का नारा देने का वक्त आ गया है। प्रेस वार्ता में वी0वी0 राव, प्रो0 वागेर, आदि प्रमुख एफ0एन0एस0 उस्मानिया विश्वविद्यालय के बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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