बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उपजातियों में विभाजित क्षत्रिय समाज चुनावी हार-जीत की गणित बिगाड़ सकता हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, पीस पार्टी, अपना दल व परिवर्तन मोर्चा तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद प्रदेश के 75 जिलों में सुर्खियों में है। सियासी फिजा में लगभग एक दर्जन से अधिक दलों को लेकर बने परिवर्तन मोर्चा की हुंकार गूंज रही हैं। राजनीतिक समीकरण में जातिवार आकंड़ों का गणित और क्षत्रियों में हरिवंश सिंह की ईमानदार छवि को लेकर बड़े-बड़े राजनीतिक दल भी इस गठजोड़ पर चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
अपना दल अ©र पीस पार्टी पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड के जनपदों में दूसरे दल¨ं क¢ मुकाबले काफी प्रभावी हैं। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश क¢ मुस्लिम समाज में आईएमसी लोकप्रिय है। हालांकि पीस पार्टी की लोकप्रियता से बौखलाये लोगों ने मुस्लिम मतों को भ्रमित करने का प्रयास किया और इसक¢ मिलते-जुलते नाम¨ं वाली तमाम पार्टियां सियासी धरातल पर नजर आने लगीं। परिवर्तन मोर्चा को लेकर भी ल¨गों द्वारा गुमराह करने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद यह गठबंधन धीरे-धीरे पर मजबूत कदम¨ं से आगे बढ़ता रहा। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा क¢ अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह की बेदाग छवि अ©र अपने साथिय¨ं क¢ साथ हर हाल में खड़े रहने की उनकी विशेषता भी साथी दल¨ं क¨ उत्साहित कर रही है।
इत्तेहाद फ्रण्ट से जब पीस पार्टी को बाहर करने का ऐलान किया गया त¨ कुॅवर हरिवंश ने पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अयूब का खुलकर साथ दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस व जदयू सहित कई दलों से गठजोड़ क¢ लिए चल रही महत्वपूर्ण बातचीत को भी किनारे कर उन्ह¨ंने साफ कर दिया कि अब कोई नया गठजोड़ नहीं। ऐसे में परिवर्तन म¨र्चा व सहय¨गी दल¨ं क¢ गठज¨ड़ से डरे विर¨धी दलों ने अपना दल को भी तोड़ने की साजिश रची, लेकिन अपना दल नेतृत्व की सतर्कता से उनक¢ इरादे कामयाब नहीं ह¨ पाये। अब हालात यह है कि पीस पार्टी, अपना दल, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, परिवर्तन मोर्चा तथा आईएमसी का गठबन्धन प्रदेश में चुनावी अंकगणित को बदलने में सक्षम दिख रहा है।
राष्ट्रीय समानता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोती लाल शास्त्री का मानना है कि 75 जनपदों में बूथ स्तर तक हरिवंश सिंह का संगठन क्षत्रियों में लोकप्रिय है। ऐसे में राजनीतिक दल¨ं द्वारा नजरअंदाज किये गये क्षत्रिय मतदाता परिवर्तन की स्थिति में आ गये हैं। वंचित जमात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चतर सिंह कश्यप का मानना है कि कश्यप समाज के सभी दल एकमत हैं अ©र परिवर्तन की आधारभूमि तैयार ह¨ गयी है।
राष्ट्रवादी लेबर पार्टी के डा. रनवीर पाल ने भी कहा कि धनगर, गड़रिया समाज अपने हक के लिये क्षत्रिय सहासभा के साथ मिलकर नया आयाम पेश करेगा। साथ ही पासी समाज के राष्ट्रीय नेता व आवामी समता दल के अध्यक्ष रामसमुझ पासी का मानना है कि पासी समाज बड़े राजनैतिक दलों का शिकार हुआ है अब अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और उनके सहयोगियों के साथ मिलकर सत्ता में सम्मान पायेगा। फिलहाल प्रदेश के बनते बिगड़ते समीकरणों में बड़े-बड़े राजनैतिक दलों द्वारा छोटे छोटे दलों के प्रत्याशियों को शासन और प्रशासन के दवाव में डराया व धमकाया जा रहा है। लेकिन अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का मानना है कि इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा और 25 जनवरी को मतदाता दिवस पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सभी सहयोगी दलों के साथ आवहन किया कि कन्या दान से बढ़ा मतदान। वहीं उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग अगर निष्पक्ष चुनाव कराने में कामयाब रहा तो उत्तर प्रदेश में सत्ता की चाबी क्षेत्रीय दलों के हाथों में होगी।
संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघवेन्द्र सिंह राजू को अधिकांश क्षत्रिय बहुल एवं जिताऊ व टिकाऊ सीटों पर स्टार प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गयी है। कुॅवर हरिवंश सिंह का मानना है कि मिशन 2014 में राघवेन्द्र सिंह राजू को लोकसभा चुनाव लड़ाया जायेगा। फिलहाल संगठन ने पांच राज्यों का प्रभारी भी नियुक्त कर दिया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सभी सहयोगी दलों के विचार-विमर्श पर साझा घोषणा पत्र मतदाताओं के बीच होगा। बड़े-बड़े राजनीतिक दलों द्वारा जो घोषणा पत्र जारी किये जा रहे हैं वही घिसे पिटे मुद्दे हैं। आम व्यक्ति की आवाज को हमारा घोषणा पत्र पूरा करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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