आगरा में स्थित रू0 1000/- अथवा उससे अधिक प्रति कक्ष की दरों वाले होटलों द्वारा उनके होटल में ठहरने वाले अतिथियों से 5 प्रतिशत की दर से सुख-साधन कर वसूल कर राजकोष में जमा किया जाता है उक्त कर का निर्धारण जिलाधिकारी द्वारा नामित प्राधिकारी के द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है।
वर्तमान में सुख-साधन कर निर्धारण का कार्य अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकाल), आगरा के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के दृष्टिगत सुख साधन कर संग्रहण एवं निर्धारण पर प्रशासन द्वारा कडी नजर रखी जा रही है जिसके क्रम में प्रत्येक बुधवार अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकाल) द्वारा मामलों की सुनवाई की जा रही है, परन्तु शहर के कुछ होटलों द्वारा कर निर्धारण के कार्य में रूचि नहीं दिखाई जा रही है, इन होटलों को नोटिस भेजे जाने के बावजूद इन होटलों के प्रतिनिधि निर्धारित तिथियों में अपने होटलों के कर निर्धारण हेतु कर सक्षम प्राधिकारी के समक्ष उपस्थित नही हो रहे है जो कि अत्यंत आपत्तिजनक है, इससे यह परिलक्षित होता है कि इन होटलों के द्वारा कर अपवंचन किया गया है। अतः इन होटलों के विरूद्व कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
इसके साथ ही शहर में कई होटलों द्वारा अपने कक्ष का किराया रूपया, 1000/-अथवा उससे अधिक वसूला जा रहा है परन्तु सुख साधन कर की राशि राजकीय कोषागार में जमा नही की जा रही है। यह स्थिति भी अत्यंत आपत्तिजनक है। प्रशासन द्वारा गोपनीय जांच कराकर ऐसे होटलों के चिन्हांकन की कार्यवाही की जा रही है तथा शीघ्र ही छापेमारी करते हुए ऐसे होटलों के विरूद्व कठोर कार्यवाही की जायेगी।
अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकाल)/सुख साधन कर निर्धारण अधिकारी श्रीशचन्द्र वर्मा ने शहर के सभी होटल स्वामियों/प्रबन्धकों से अपील की है कि सभी होटल नियमानुसार सुख साधन की राशि राजकीय कोषागार में जमा करायें तथा अपने लम्बित कर निर्धारण की कार्यवाही सम्पादित करवायें तथा सुख साधन कर का अपवंचन न करते हुए शहर के पर्यटन उद्योग के विकास में अपना सहयोग प्रदान करें। ऐसे होटल जिनका वास्तविक किराया प्रति कक्ष रू0 1000/- से कम है, वे अकरादेयता प्रमाण-पत्र हेतु अपना आवेदन सुसंगत अभिलेखों/साक्ष्यों के साथ पर्यटक कार्यालय, 64-ताज रोड, आगरा में तत्काल जमा कर सकते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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