ऽ प्रतिदिन बन-बिगड़ रहा समीकरण
ऽ पहली बार चुनाव में उतरी पीस पार्टी ने बिगाड़ा सभी का समीकरण
इसौली विधान सभा सीट राजनीतिज्ञों का अखाड़ा बन गया है। जहाॅ सभी राजनैतिक दल आने साम-दण्ड- भेद अपना किला फतह करने के प्रयास में हैं।
सुलतानपुर की पाॅचों विधानसभा क्षेत्रों में इसौली विधानसभा में सबसे दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है। प्रमुख राजनैतिक दल सपा-बसपा-भाजपा व काग्रेस अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखा है। वहीं अन्य छोटी राजनैतिक पार्टियाॅ व निर्दलीय ने सबकी नींद हराम कर दी है। गौरतलब हो कि केन्द्र की सत्तासीन कांग्रेस इसौली विधान सभा से प्रत्याशी को लेकर गहरी मन्त्रणा में अपने पूर्व प्रत्याशी राम चन्द्र मिश्रा पर भरोसा जताया है। दूसरी तरफ सपा ने अपने आधार मत यादव व मुस्लिम बाहुल्य संख्या के मद्दे नजर अल्प संख्यक सूुदाय के नेता अबरार अहमद को प्रत्याशी बनाया हैं जबकि बसपा भी आने दलित वोट के भरेसे अल्प संख्यक मतो को भुनाने के प्रयास के पप्पू रिजवान की पत्नी नर्गिस नायाब को उम्मीद्वार बनाया है। इसी क्रम में अल्प संख्यकों के नाम से उभरी पीस पार्टी के प्रत्याशी यश भद्र सिंह मोनू सिंह को मैदान में उतारा है। इसी कड़ी में पूर्व बसपा प्रत्याशी रहे कक्कू पाण्डेय ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में ताल ठोंक रहे हेैं। बाहुबली व धनबली दिग्गजों के मैदान में कूदने से इसौली विधानसभा में रोचक संघर्ष के आसार हैं। ऐसे में प्रदेश की सत्तारुढ़ पार्टी बसपा की प्रतिष्ठा दाॅव पर है। जिन्हें सिटिंग विधायक रहे चन्द्र भद्र सिंह सोनू का टिकट काटने से क्षत्रिय मतदाताओं में रोष व्याप्त है। वहीं पवन पाण्डेय के नाम को उछालने के बाद ऐन मौके पर नर्गिस नायाब को टिकट थमा दिया गया। इससे रुष्ट ब्राम्ह्ण मतदाताओं ने भी
े मुॅह मोड़ रखा है। दूसरी तरफ जनपद की पाॅचों विधान सभा सीटों में एक भी पिछड़ी जातियों को टिकट न दिऐ जाने से यह वर्ग भी बसपा को पटकनी देने के फिराक में है। चुनावी दंगल के इस महासमर में अटकलों का दौऱ जारी है, जहाॅ जातिगत समीकरणों के आधार पर प्रत्याशियों के भग्य का फैसला होने की उम्मीद है। उॅट
किस करवट बैठेगा यह तो समय ही बतायेगा ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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