भारत निर्वाचन आयोग ने उ0प्र0 विधानसभा साधारण निर्वाचन-2012 के अन्तर्गत आगामी 20 जनवरी, 2012 को नामांकन पत्रों की संवीक्षा हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। सभी चरणों में होने वाले चुनावों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की अर्हताओं की गणना के अन्तर्गत सभी रिटर्निंग आफिसर यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्याशी वे सभी निर्धारित अर्हताएं रखता हो जो संविधान तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निर्धारित की गयी हैं।
यह जानकारी संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अनीता सी0 मेश्राम ने दी। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवार को लाभ के पद पर नहीं होना चाहिये। नामांकन में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के उम्मीदवार के लिये एक प्रस्तावक होना चाहिये जबकि शेष अन्य के लिए 10 प्रस्तावक आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त रिटर्निंग आफिसर को प्रस्तावकों के विवरण की जाॅंच कर लेनी चाहिये। उम्मीदवार प्रदेश के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता हो सकता है परन्तु अन्य निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होने पर उसे मतदाता सूची का उद्धरण दाखिल करना चाहिये। एक उम्मीदवार दो जगह से चुनाव लड़ सकता है।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जमानत राशि सामान्य उम्मीदवार के लिए रू0 10 हजार तथा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिये रू0 5 हजार है। रिटर्निंग आफिसर नामांकन पत्र में केवल प्रस्ताव का मतदाता क्रमांक ठीक कर सकता है। अन्य कोई भी करेक्शन वह नहीं कर सकते। उम्मीदवार को दो शपथ पत्र लगाने हैं। एक फार्म-26 का और एक मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार दाखिल किया जाने वाला शपथ पत्र। उन्होंने बताया कि दिनांक 25 फरवरी, 2011 को शपथ पत्र का प्रारूप बदल गया है। इस चुनाव में नये प्रारूप का प्रयोग होगा। राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों को फार्म-ए और बी नामांकन के अन्तिम दिनांक को 3.00 बजे तक दाखिल करना आवश्यक है।
श्रीमती मेश्राम ने बताया कि नामांकन के अन्तिम दिनांक को 2.00 बजे से निर्बाध वीडियोग्राफी कराई जायेगी ताकि नामांकन लेने/न लेने के संबंध में प्राप्त होने वाली किसी शिकायत को समुचित रूप से निस्तारित किया जा सके। यदि पार्टी ने मेन और सबस्टीट्यूट उम्मीदवार दोनों का नाम दिया है तो मेन उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज हो जाने पर सबस्टीट्यूट उम्मीदवार पार्टी का उम्मीदवार होगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी दल ने दो उम्मीदवारों के पक्ष में फार्म-बी दिया हे तो जिसने पहले नामांकन दाखिल किया है उसे पार्टी का उम्मीदवार माना जायेगा। नामांकन पत्रों की जाॅंच केवल रिटर्निंग आफिसर द्वारा की जा सकती है।
श्रीमती मेश्राम ने बताया कि उम्मीदवार की तरफ से वह स्वयं निर्वाचन एजेन्ट, एक प्रस्तावक और एक अन्य व्यक्ति (रिश्तेदार, वकील, प्रस्तावक) उपस्थित रह सकता है। यदि कोई नामांकन खारिज किया जाता है तो खारिज करने के आधार देने होंगे। यदि कोई उम्मीदवार चार सेट में नामांकन दाखिल करता है तो चारों नामांकनों की स्क्रूटिनी करनी है। नाम वापसी स्क्रूटिनी के बाद ही हो सकती है। नाम वापसी के लिये उम्मीदवार हस्ताक्षर करके देगा। यदि एजेंट या प्रस्ताव देता है तो उम्मीदवार का प्राधिकार पत्र साथ में होना चाहिये तभी नाम वापसी वैध होगी। यदि नाम वापसी के लिये एक बार लिखकर दे दिया गया है तो फिर इसे निरस्त नहीं किया जा सकता। उम्मीदवारों को चुनाव चिन्हों का आवंटन सिम्बल आर्डर 1968 के प्राविधानों के अधीन किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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