भारतीय जनता पार्टी ने कांगे्रस महासचिव राहुल गांधी द्वारा बंुदेलखंड पैकेज की लूट के बयान को उनके द्वारा प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाके की भूखी प्यासी जनता की मजबूरी पर सियासत करार दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अगर राहुल गांधी को यह बात मालूम थी तो उन्हें जनता को यह भी बताना चाहिए कि केन्द्र की उनकी पार्टी की सरकार ने इस लूट को रोकने के लिए क्या प्रयास किया और साढ़े चार साल तक उ0प्र0 सरकार को क्यों छूट दी और अब राहुल को ये बात क्यों याद आ गई।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अपने बुंदेलखंड दौरे के दौरान राहुल गांधी बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि बुंदेलखंड के विकास के लिए दिए गए पैकेज को उ0प्र0 में लूटा गया। उन्होंने कहा असलियत यह है कि उ0प्र0 की बसपा सरकार ने बुंदेलखंड पैकेज में जो लूटपाट की वह कांगे्रस के संरक्षण में की। कांगे्रस महासचिव राहुल गांधी के कोरे भाषणों से अब जनता रीझने वाली नहीं है। जनता राहुल और उनकी पार्टी का असली चेहरा देख चुकी है। यही वजह कि बुंदेलखंड में राहुल की हर रैली फ्लाप शो शाबित हो रही है। उन्होंने कहा कि जनता बुदेलखंड पैकेज के नाम पर हो रही सतही राजनीति को समझ गई है। कांगे्रस महासचिव जब भी बुंदेलखंड जाते हैं तो केन्द्र सरकार द्वारा घोषित बुंदेलखंड के पैकेज का गुणगान करना नहीं भूलते। लेकिन सच तो यह है कि बुंदेलखंड के विकास के लिए जो पैकेज तैयार हुआ उसमें जमकर लूट हूई।
श्री पाठक ने बुंदेलखंड में हुई पैकेज के नाम पर लूट के लिए कांगे्रस को दोषी ठहराते हुए कहा कि राज्य की बसपा सरकार ने बुंदेलखंड के विकास के लिए मिली धनराशि को खर्च ही नहीं किया। जो धनराशि खर्च भी हुई उसमें जमकर लूट खसोट हुई। बुंदेलखंड पैकेज के नाम पर कांगे्रस और बसपा आरोप-प्रत्यारोप के नाम पर राजनीति करते रहे। क्यांेकि केन्द्र से जो पैकेज मिला है उसमे से अब तक महज 214.21 करोड ही खर्च हो पाए है। उसमें भी माया सरकार के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन के संरक्षण में जमकर लूट खसोट हुई। बुंदेलखंड की जनता के हितों के लिए आवंटित धन की जब लूट हो रही थी तब कांगे्रस क्यों चुप थी ? उन्होंने राहुल गांधी से प्रश्न किया कि जब बुंदेलखंड पैकेज के लिए 7266 करोड़ के अतिरिक्त 200 करोड़ देने का ऐलान किया गया तो मात्र 1695.76 करोड़ ही उ0प्र0 को अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में क्यों आंवटित हुए ? पैकेज के प्रति केन्द्र सरकार कितनी गम्भीर थी इसका पता इसी से लगता है कि 19 नवम्बर 2009 को मंजूर पैकेज की धनराशि जुलाई 2010 के बाद ही अवमुक्त हो पायी।
श्री पाठक ने कहा कि गम्भीर बात यह है कि उ0प्र0 को पैकेज के तहत 3606 करोड़ आवंटित हुए उसमें 1695 करोड़ अतिरिक्त सहायता 1319 करोड़ केन्द्रीय योजनाओं पर और केन्द्र योजनाओं की 496 करोड़ राष्ट्रीय कृषि विकास कार्यक्रम और महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) रकम है दुर्भाग्यजनक यह है कि केन्द्र से जो 1695 करोड़ का पैकेज मिला उसमें से मात्र 214.21 करोड़ ही खर्च हो पायें है फिर कैसे सम्भव हो कि मार्च तक यह धनराशि उपयोग हो पायेगी या खर्च हो पायेगी? अन्ततः इसमें भी लूट मचेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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