Categorized | बदायूँ

संजरपुर बदायूं में फर्जी मुठभेड़ पर पीयूसीएल जांच दल की रिपोट

Posted on 15 January 2012 by admin

बदायूं जिले के उझानी थाना क्षेत्र के संजरपुर गांव के बृजपाल मौर्य पुत्र लीलाधर मौर्य की सात जनवरी 2012 की रात खेत की रखवाली पर जाने के बाद 8 जनवरी 2012 को यह पता चलने पर कि उनकी पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ के नाम पर हत्या दी गई है, मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के तीन सदस्यी जांच दल ने 12 जनवरी 2012 को घटना स्थल का दौरा किया। जांच दल ने पाया कि एसटीएफ और पुलिस हत्या में लिप्त है। जहां उसने बृजपाल मौर्य को न सिर्फ डकैत बताकर फर्जी मुठभेड़ में मार डाला बल्कि उनकी पहचान मिटाने की नियत से षव को जलाने का भी प्रयास किया।
घटनाक्रम- 7 जनवरी 2012 की रात को रोज की तरह किसान बृजपाल मौर्य अपने खेतों के बीच बने नलकूप की झोपड़ी में सो रहे थे। रात को करीब 12 बजे एक दर्जन से अधिक संख्या में एसटीएफ-पुलिस वालों ने उन्हें गोली मार दी। घटना स्थल के निकट के गांव के चष्मदीद लोगों के मुताबिक पुलिस ने कई राउंड गोली चलाई जिससे आस-पास के गांवों तक में दहषत फैल गई। घटना स्थल के पास के गांव तिगौड़ा के चैकीदार षिषुपाल समेत ग्रामीणों ने तीन सदस्यीय पीयूसीएल जांच दल को बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर गांव केे लोग घटना स्थल से थोड़ी दूर पर खड़े हो गए और वहीं से पूरी घटना को देखा। लेकिन डर के चलते कोई आगे नहीं बढ़ा। इसके बाद वर्दीधारी पुलिस के कुछ जवान गांव के चैकीदार षिषुपाल को षव की षिनाख्त कराने ले गए। षिषुपाल ने जांच दल को बताया कि उनसे पुलिस वालों ने षव को पहचानने के लिए कहा। जिसकी तस्दीक उन्होंने बृजपाल मौर्य के रुप में की इसके बाद पुलिस वालों ने उन्हें वहां से यह कहते हुए भगा दिया कि षव बृजपाल का नहीं पृथ्वी सिंह डकैत का है।
तदउपरान्त पुलिस ने मृतक की पहचान मिटाने की कोषिष के तहत झोपड़ी में आग लगा दी जिससे षव समेत झोपड़ी जलने लगी। इसी बीच कुछ पुलिस वाले संजरपुर गांव में मृतक बृजपाल के घर पहुंचे और दरवाजे पर ईंटा-पत्थर पीटकर खुलवाया और घर की तलाषी ली जब घर में मौजूद लोगों ने पुलिस से ऐसा करने की वजह पूछी तो पुलिस ने कहा कि हमने एक डकैत को मारा है। तुम्हें उसकी पहचान करनी है। पुलिस परिवारीजन समेत पांच लोगों को अपने साथ जीप पर ले गई वहां जाने के बाद मृतक की पत्नी चमेली देवी और प्रमिला ने अधजले षव की षिनाख्त अपने पति और पिता बृजपाल के रुप में की। पुलिस ने षव की षिनाख्त के लिए बृजपाल की बहन कलावती, पत्नी चमेली देवी, पुत्री प्रमीला, अनेकपाल और धर्मपाल को रात में जीप में बैठाकर घटना स्थल पर ले गई थी। इसके बाद पुलिस ने सभी को गाली देकर धमकाते हुए भगा दिया। संजरपुर गांव के विजय सिंह पुत्र मोहनलाल, धर्मेन्द्र पुत्र टीकाराम रामचन्द्र पुत्र खमारी राम ने जांच दल को बताया कि जब ग्रामीण और परिजनों ने  पुलिस वालों को बृजपाल का षव ले जाने से मना करने की कोषिष की तो पुलिस ने उनपर राइफलें तान दीं और धमकी दी कि कोई भी आगे बढ़ा तो मार देंगे। इसके बाद पुलिस अधजली लाष को घसीटते हुए अपने वाहन में लेकर चली गई।
आठ जनवरी को दिन में 12 बजकर 20 मिनट पर बृजपाल की पत्नी चमेली देवी ने वरिश्ठ पुलिस अधिक्षक को दी गई तहरीर में कहा कि दिनांक 8-1-2012 को करीब तीन बजे भोर में उझानी थाना के दरोगा जेपी परिहार व अन्य पांच पुलिस वाले प्रार्थिनी के घर आए और घर की तलाषी ली और तोड़-फोड़ किया। प्रार्थिनी समेत परिवार वालों और मुहल्ले के अन्य लोगों को गाड़ी में बिठाकर नलकूप पर ले गए। जब प्रार्थिनी व अन्य लोग नलकूप पर पहुंचे तो देखा कि बृजपाल पुलिस वालों की गोली लगने से मृत पड़े हैं। तब हम सब लागों ने पहचान कर कहा कि यह बृजपाल हैं। इतना सुनकर वहां उपस्थित करीब एक दर्जन पुलिस वालों ने हमें वहां से हटाकर हमारे सामने ही बृजपाल की लाष को दुबारा आग लगा दी। और साक्ष्य मिटाने की भरसक कोषिष की। जब हम लागों ने इसका विरोध किया तो पुलिस वालों ने हमें मार-पीटकर भगा दिया। और पुलिस वाले अधजली लाष को लेकर भाग गए। चमेली देवी ने तहरीर में दोशी पुलिस कर्मियों के खिलाफ अपने पति को गोली मारने और साक्ष्य मिटाने का शडयंत्र रचने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
बृजपाल की हत्या के बाद षव को पुलिस द्वारा गायब किए जाने के विरोध में उझानी बाजार के चैराहे पर ग्रामीणों द्वारा जाम लगा दिया गया। उसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम करावने के बाद षव देने की बात कही। इसके बाद परिजनों व ग्रामीणों पर दबाव डाला कि वे सादे कागजों पर अंगूठे और हस्ताक्षर करें। इस बीच पुलिस द्वारा षव को अज्ञात बनाने की भी कोषिष की गई जिसके तहत उसने षव का अज्ञात के बतौर पोस्टमार्टम करवाया। जिसपर ग्रामीणों और परिजनों ने यह कहते हुए विरोध किया कि जब षव की षिनाख्त बृजपाल के रुप में हो चुकी है और इस बाबत बृजपाल की पत्नी चमेली देवी द्वारा वरिश्ठ पुलिस अधिक्षक को तहरीर देकर बृजपाल के हत्यारे पुलिस कर्मियों पर हत्या और साक्ष्य मिटाने की मांग की जा चुकी है तब षव को नए सिरे से षिनाख्त कराने और उसे अज्ञात घोशित करने की कोषिष क्यों की जा रही है? परिजनों द्वारा सादे कागज पर अंगूठा लगाने और पुलिस द्वारा षव को अज्ञात बताने का विरोध किए जाने के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को पीटने की धमकी दी। और ग्रामीणों की तरफ से बात कर रहे अधिवक्ता अषोक कुमार सिंह व पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेष्वर सिंह को पुलिस ने बुरी तरह पीटा। जिसमें राजेष्वर सिंह का हाथ फैक्चर हो गया और परिजनों और ग्रामीणों को पुलिस ने वहां से भगा दिया। जिसके वीडियो साक्ष्य भी मौजूद हैं।

पुलिसिया कार्यवाई से उठने वाले सवाल-

1- अगर एसटीएफ-पुलिस ने डकैत पृथ्वी सिंह को मारा तो फिर षव का पोस्मार्टम अज्ञात के रुप में क्यों करवाया?
2- षव का अज्ञात में पोस्टमार्टम करवाने के बाद षव और पोस्टमार्टम रिपोर्ट बृजपाल के परिजनों को क्यों सौंपा गया?
3- षव का पंचनामा मौके पर ही क्यों नहीं भरा गया? जबकि नियम है कि पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने मौके पर ही पंचनामा भरेगी?
4- षव के पंचनामे पर क्षेत्रीय पांच लोगों के अंगूठा हस्ताक्षर क्यों नहीं लिए गए? आखिर पुलिस ने क्यों पचनामें पर थाने के पास के चाय वाले और वहां पर खड़े रिक्षा चालक से क्यों अंगूठा/हस्ताक्षर लिए गए?
5- सवाल यह भी है कि यदि पुलिस ने मुठभेड़ में पृथ्वी को मारा तो सूचना अलीगढ़ एसएसपी और पृथ्वी के परिजनों को क्यों नहीं दी गई? अखबारों में अलीगढ़ पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एनपी सिंह का यह बयान भी एसटीएफ और पुलिस के दावे को गलत साबित करता है जिसमें उन्होंने कहा कि यदि पृथ्वी मारा गया होता तो अलीगढ़ पुलिस को भी सूचित किया गया होता?

बृजपाल मौर्य को जिस तरह से पुलिस ने गोली मारने के बाद षव को घर वालों के सामने झोपड़ी में जलाकर परिजनों और गांव वालों को आतंकित किया यह मानवाधिकार हनन का गंभीर मसला है।
पीयूसीएल मांग करता है कि-

1- घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच हो।
2- दोशी एसटीएफ और पुलिस कर्मियों पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाय।
3- मृतक के परिजनों को बीस लाख रुपए मुआवजा दिया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in