दस्युओ के फरमान से नही रहेगा हलकान वोटर

Posted on 11 January 2012 by admin

बुन्देलखंड और चम्बल में चुनावी बयार आते ही दस्युओं के दरबार में अपने-अपने पक्ष में फरमान जारी कराने के लिये राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों का जमावड़ा लगता रहा है। वर्ष 2007 के चुनाव में जहाँ एक ओर डाकू ठोकिया की माँ तियारा देवी को राष्ट्रीय लोकदल से चुनावी समर में उतरी थी । पुलिस की घेराबन्दी और चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद थोड़े से वोटो के अन्तर से हार गयी थी, वहीं ददुआ के फरमान के चलते बुन्देलखंड और चम्बल के सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में चुनावी अंकगणित को लम्बे समय तक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अपना हित साधा करती रही है। इसी अंकगणित के बिगड़ जाने के बाद कभी ददुआ के दमपर जीतने वाले दद्दू प्रसाद ददुआ के दुश्मन बन गये थे। बीते वर्षो में ददुआ और रागिया जैसे अनेक दस्युओं का सफाया हो जाने के बाद चम्बल और यमुना की घाटियों में मतदाता बेखौफ मतदान करने का साहस दिखा सकेगे, हलाकि चित्रकूट से समाजवादी पार्टी ने पहले ददुआ के बेटे बीर सिंह को टिकिट दिया था लेकिन अब उसका स्थानन्तरण प्रतापगढ़ पट्टी कर दिया गया है। दस्युओं को अपने पक्ष में करने का इतिहास बड़ा पुराना है।  समाजवादी पार्टी ने दस्युओं सुन्दरी फूलन देवी को मिर्जापुर से चुनाव लड़ाया था और इस पार्टी की सांसद भी रही। मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी से सांसद तथा दस्यू सम्राट ददुआ के भाई बालकुमार पटेल ने पिछले दिनों चित्रकूट में ब्यान दिया था कि ददुआ की कृपा से विधायक बने थे दद्दू और आर.के. पटेल, मिर्जापुर सांसद ने कहा था ग्राम्यविकास मंत्री दद्दू प्रसाद और सपा सांसद आर.के. सिंह पटेल ने दस्यू राधे के पुत्र सोनू द्वारा कराये गये भंडारे में सिरकत की थी। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि यही नेता ददुआ गैंग से चुनाव के समय वारदाते कराते थे। इण्डियन जस्टिस पार्टी ने 2007 के चुनाव में दस्युओं सुन्दरी सीमा परिहार को चुनावी जंग में उतारा था। डाकू गब्बर सिंह, डाकू शंकर सिंह तथा डाकू पूजा बब्बा की गैंग के सहारे चुनाव जीतने का आरोप कांग्रेस में रहे बुन्देला बन्धु सुजान सिंह बुन्देला के परिवार पर आठवे व नवे दशक में लगता रहा है। पूर्व सांसद सुजान सिंह बुन्देला अब समाजवादी पार्टी में है और उनका पुत्र गुड्डू राजा बुन्देला समाजवादी पार्टी से ललितपुर विधानसभा का उम्मीदवार है। सुचिता का पाठ पढ़ाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव से मुकाबले के लिये पूर्व दस्युओं सरगना तहसीलदार सिंह को चुनावी जंग में उतार कर सनसनी फैला दी थी। इटावा, औरैया, मैनपुरी, ऐटा तथा आगरा ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, मिर्जापुर, ललितपुर जनपदों में दस्युओं सरदारों का फरमान बैलेट पर वर्षो तक हाबी रहा है। चुनावी जंग में फरमान की शुरूआत चित्रकूट तथा बांदा जनपद में पूर्व सांसद तथा विधायक रहे रामसजीवन सिंह, आर.के. सिंह पटेल, दद्दु प्रसाद ने कभी न कभी अपने पक्ष में या अपने विरोधियों को मात दिलाने के लिये किया तो मैनपुरी, इटावा, ऐटा में कई पूर्व दस्युओं सीधे चुनावी समर में उतरे और विजय भी हासिल की हलाकि वे अपने दामन पर लगे दस्युओं का दाग पुलिस की झूठी कहानी बनाकर हटाते रहे और न्यायालय द्वारा बरी होने को अपनी सुचिता का प्रमाण पत्र के रूप में प्रस्तुत करते रहे। बुन्देलखंड में लम्बे अर्से तक अपनी बादशाहत कायम रखने वाले दस्युओ सरदार ददुुआ का पूरा का पूरा परिवार राजनीति के रंग में जम गया है। भाई बाल कुमार पटेल मिर्जापुर से सांसद है तो बेटा बीर सिंह चित्रकूट जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुका है और वर्तमान में समाजवादी पार्टी की ओर से पट्टी प्रतापगढ़ से विधानसभा उम्मीदवार है। दस्यु सरगना रामासरे फक्कड़ बाबा भले ही जेल में हो लेकिन  इस बार चुनावी जंग में उतरने का मन बना रहे है। जालौन पचनदा क्षेत्र में आतंक का परियाय रहे रामाआसरे किस पार्टी से उम्मीदवार होगें अभी साफ नही हो सका है। कुछ-कुछ ऐसे ही समाचार दस्यु निषाद की पत्नी के चित्रकूट जनपद से या तिंदवारी से चुनाव लड़ने की खबरें आ रही है। अपने दबदबे के दम पर कई दस्यु बीहड़ से देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद तक सफर करने में कामयाबी मिलने से अनेक दस्यु के मन में राजनीति का चोला ओढ़ने की जंग छिड़ गयी है। ग्राम पंचायत के प्रधानी और बीडीसी का चुनाव जिताने के लिये फरमान जारी करने वाले दस्युओं में निर्भय गूजर, रागिया, ददुआ, कुसमा नाईन, सीमा परिहार, अरविंद गूजर, लुक्का व पंचम सिंह का नाम रहा करता था लेकिन फूलन देवी के संसद बनने के साथ ही विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में दस्युओं के फरमान वोटरों को हलकान किये रहते थे। मुलायम सरकार में निर्भय गूजर का के सफाये के बाद माया सरकार में ददुआ, ठोकिया और रागिया जैसे डाकू गिरोह को मार गिराने से 2012 के विधानसभा चुनाव में पहली बार दस्युओं के फरमान बैलेट पर हाबी नही होगे और वोटर अपने मन से वोट देता दिख सकेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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