केन्द्र तथा राज्य सरकार के मंत्रीगण चुनावों के दौरान सरकारी संसाधनों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री उमेश सिन्हा ने कहा है कि विधान सभा चुनावों के दौरान मतदाताओं के बीच पैसा, शराब, खाद्य पदार्थो अथवा अन्य उपहारों को मतदाताओं के बीच वितरण का दोषी पाये जाने पर वितरक एवं प्राप्त कर्ता दोनों पर एक वर्ष तक का कारावास एवं जुर्माना किया जा सकता है। इसी प्रकार उपहार लेकर वोट देना भी दण्डनीय है। मतदाताओं के लिए मुफ्त परिवहन की व्यवस्था कराना भी दण्डनीय है जिसके अन्तर्गत एक माह तक की सजा और जुर्माना होे सकता है। उन्होंने बताया कि मतदाताओं को कानून के इन प्राविधानो से अवगत कराने के लिए शिक्षण संस्थाओं, युवा संगठनो, स्वय सेवी संस्थाओं तथा मीडिया का सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।
श्री सिन्हा ने बताया कि ‘स्वीप’ अभियान के अन्तर्गत काम करने वाले स्वयं सेवी संगठनो, एजेंसियो को आयोग द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जायेगा और न ही आयोग इन संस्थाओं के साथ औपचारिक एग्रीमेन्ट करेगा। आयोग ने स्वयं सेवी संगठनो से अपील भी है कि चुनाव में धन बल को रोकने की लड़ाई में आयोग को सहयोग करे। इच्छुक स्वयं संस्थाओं से अनुरोध किया गया है कि वे इस अभियान के संचालन हेतु आवश्यक सामग्री जो राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास उपलब्ध है जो उनके द्वारा संगठनो, शिक्षण संस्थाओं तथा मीडिया को उपलब्ध करायी जायेगी।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया है कि प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत केन्द्र/राज्य सरकार के मंत्रीगण अपनी विभागीय बैठको को चुनाव कार्यो से नहीं जोड़ेंगे और न ही सरकारी मशीनरी का उपयोग करेंगे। आयोग के निर्देशानुसार आदर्श आचार संहिता के दौरान सत्तारूढ़ दलों द्वारा राजकीय वायुयान, वाहनों, कार्मिको का पार्टी हित में उपयोग नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव सभाओं के आयोजन एवं हेलीपेड बनाने के लिए सार्वजनिक मैदानों के आबंटन में किसी का एकाधिकार नहीं होगा। सभी राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों को भी उन्हीं शर्तों पर यह सुविधायें करायेगी जिन पर यह सुविधाएं सत्तारूढ़ राजनैतिक दल को अनुमन्य की है। यह प्रक्रिया विश्राम गृहों, डाक बंगलो, स्थलो के आबंटन में भी लागू होगी तथा किसी भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी को इन स्थलो का प्रयोग चुनाव अभियान चलाने आदि के लिए करने की अनुमति नहीं होगी। राजकीय खर्च पर अखबारों में विज्ञापन नहीं दिये जा सकेंगे तथा सरकारी मास मीडिया का उपयोग राजनैतिक खबरों को जारी करने तथा प्रचार प्रसार में नहीं किया जायेगा। मंत्रीगणों एवं अन्य अधिकारियों द्वारा चुनाव के दौरान अपने विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता अथवा अनुदान का भुगतान नहीं किया जायेगा। इसके अलावा चुनाव के दौरान वित्तीय स्वीकृतियों को देने का वादा करना एवं योजनाओं का शिलान्यास, सड़क निर्माण, पीने के पानी की व्यवस्था का आश्वासन देना तथा राज्य सरकार तथा राजकीय उपक्रर्मो में तदर्थ नियुक्तियाँ जिससे मतदाता प्रभावित हो, नहीं की जा सकेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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