चुनाव आयोग द्वारा आज हाथी एवं सुश्री मायावती की मूर्तियों को ढकने का फैसला ऐतिहासिक है। उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी चुनाव आयोग के इस फैसले की सराहना करती है। चुनाव आयोग द्वारा अभी तक अधिकारियों को न हटाया जाना अवश्य निराशाजनक है। कांग्रेस पार्टी उम्मीद करती है कि प्रदेश की जनता की भावनाओं के अनुरूप चुनाव आयोग उ0प्र0 में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने में शीघ्रातिशीघ्र अपनी सकारात्मक भूमिका निभायेगा।
चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री सुश्री मायावती और हाथी की मूर्तियों को ढकने के निर्णय से कांग्रेस पार्टी की इस अवधारणा की पुष्टि हुई है कि प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रूपये की मूर्तियों और स्मारकों की स्थापना प्रदेश की जनता के हित में नहीं बल्कि अपने निजी लाभ और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए किया गया था। इन मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण में प्रदेश की जनता के हितों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दी गयी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के धन में दुरूपयोग और घोर भ्रष्टाचार किया गया है। यह मूर्तियां और स्मारक देश में भ्रष्टाचार की प्रतीक बन चुकी हैं। मूर्तियों को ढकने को लेकर जो निर्णय चुनाव आयोग द्वारा लिया गया है इसके लिए चुनाव आयोग बधाई का पात्र है।
सुश्री मायावती के लिए जो एक धारणा बन चुकी थी कि जो सुश्री मायावती कहें वही सही है, उनकी इस छवि को करारा झटका लगा है। देश की जनता ने आज यह देखा है कि सुश्री मायावती कानून से ऊपर नहीं है। आयोग के इस निर्णय से प्रदेश की जनता में लोकतंत्र में निश्चित तौर पर विश्वास बढ़ेगा। चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव संपादित कराने हेतु केन्द्रीय बल लगाये जाने का निर्णय भी सराहनीय कदम है।
चुनाव आयोग द्वारा यह बयान दिये जाने कि विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा शिकायत की गयी है कि प्रदेश के कुछ अधिकारी बीएसपी के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं उन्हें शीघ्र बदला जायेगा। इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग से अनुरोध है कि वह इस मुद्दे पर शीघ्रातिशीघ्र फैसला लें, ऐसा न हो कि (बहुत देर कर दी, हुजूर आते-आते)। चुनाव शुरू हो चुका है इसलिए एक दिन के लिए भी देरी चुनाव को प्रभावित कर सकता है। ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि आज भी जो सत्ता के करीबी अधिकारी हैं सत्ता का दुरूपयोग करके रोजाना जिले के अधिकारियों को फोन करके चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा अधिकारियों को तुरन्त न हटाये जाने पर निराशा हुई है। हालांकि पूर्ण विश्वास है कि चुनाव आयोग अपने वादे के मुताबिक इन अधिकारियों को अवश्य बदलेगा। प्रदेश की जनता ने विगत भाजपा, सपा और बसपा तीनों पार्टियों का सत्ता का दुरूपयोग भुगता है चाहे पंचायत का चुनाव हो, स्थानीय निकाय चुनाव हो। इन चुनावों में इन गैर कांग्रेसी सरकारों ने लोकतंत्र का गला घोंटने का कार्य किया है। इसे दृष्टिगत रखते हुए आयोग को शीघ्र कड़ा फैसला लेना पड़ेगा, ताकि चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर जनता का विश्वास कायम हो सके। चुनाव आयोग को चुनाव सम्पन्न होने तक उ0प्र0 के गंभीर हालात को देखते हुए बेहद सावधानी की आवश्यकता है और पर्ची वितरण से लेकर चुनाव के हर पहलुओं पर कड़ी नजर रखनी होगी तथा चुनाव को प्रभावित करने वाले स्थानीय अपराधी, दबंगों को चिहिन्त करके शीघ्र ही उनके विरूद्ध निषेधात्मक कार्यवाही करनी होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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