समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री का पाक साफ बनने का नाटक जनता की नजरों से छुपा नहीं रह गया है। बसपा दागियों और अपराधियों की जमात बनी हुई है। दिखावे में चन्द मंत्रियों- विधायकों को बाहर करने के पीछे उनका इरादा तमाम घोटालों की जांच की आंच से बचना भर है पर वह मंशा पूरी नहीं होगी। विधानसभा के चुनावों में जनता उनको करारा सबक सिखाएगी और उनके कारनामों की जांच कर जेल भिजवाने का काम समाजवादी पार्टी की सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री का दोहरा चेहरा इससे जाहिर है कि उन्होने हत्यारोपी, अवैध कब्जे, लूट और सत्ता के दुरूपयोग के मामलों में लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए लोगों को भी बसपा का प्रत्याशी बनाया है। पट्टी विधान सभा क्षेत्र से श्री मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जनपद प्रतापगढ़ के थाना जेठवारा के गांव भखनपुर (नन्दापुरवा) अनुसूचित जाति के हीरालाल की हत्या में इनका नाम आया था। अदालत से उनके खिलाफ धारा 307 में गैर जमानती वारंट जारी हुए हैं। इस समय उनकी कुर्की के आदेश है। अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है पर पुलिस अभी तक ऊपरी संरक्षण की वजह से उनपर हाथ नहीं डाल रही है। बसपा के घेाषित प्रत्याशी पर फर्जी पते पर रायबरेली जनपद से शस्त्र लाइसेंस बनवाने का भी मुकदमा दर्ज है। उनके असलहों के लाइसेंस रद्द करने की नोटिस भी जारी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने लोकायुक्त जैसे संवैधानिक पद पर बैठे एक पूर्व न्यायाधीश की संस्तुतियां भी रद्दी की टोकरी में डाल दी है। मंत्री श्री रंगनाथ मिश्र लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए। वे भी बसपा के घेाषित प्रत्याशी है। श्री राम अचल राजभर एवं श्री राकेशधर त्रिपाठी को भी लोकायुक्त की जांच में दोषी पाया गया। श्री राजभर के लड़के को और श्री त्रिपाठी के परिवारी सदस्य को टिकट दे दिया गया है। सीबीआई और लोकायुक्त दोनों की जांच में फंसे श्री राम प्रसाद जायसवाल की पत्नी को टिकट दिया गया है।
दरअसल मुख्यमंत्री ने दागी मंत्रियों, विधायकों को आज भी संरक्षण दे रखा है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और मुकदमा चलाने से परहेज किया जा रहा है। उन्हें बचाने के लिए ही उनको या उनके परिवारवालों को बसपा प्रत्याशी बनाया जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री अपने दलित भाईयों की हत्या में आरोपित को भी संरक्षण दिए हुए हैं।
मुख्यमंत्री से संविधान के अंतर्गत रागद्वेष से रहित निर्णय लेने की उम्मीद भी कैसे की जा सकती है जबकि वे स्वयं ताज कारिडोर में फंसी हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसे घोटालों में उनकी भी साझेदारी रही है। चुनाव आयेाग को मुख्यमंत्री सहित बसपा के दागियों के कारनामों का संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। वैसे अब उनका भाग्य निर्णय जल्दी ही होनेवाला है। समाजवादी पार्टी ने एक भी दागी को प्रश्रय नहीं दिया है। वह अपनी स्वच्छ छबि के साथ मैदान में है और जनता ने भी तय कर लिया है कि वह समाजवादी पार्टी की सरकार बनाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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