सिटी मोन्टेसरी स्कूल की मेजबानी में आयोजित ‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर’ में पधारे 10 देशों के मेहमान बच्चों ने आज नवाबी नगरी लखनऊ की साँस्कृतिक विरासत, गंगा-जमुनी तहजीब व ऐतिहासिक इमारतों को देख ऐसे मंत्रमुग्ध हुए कि उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा कि इण्डिया इज ग्रेट। विश्व के 10 देशों ब्राजील, कोस्टारिका, फिनलैण्ड, जर्मनी, इटली, नार्वे, कोलम्बिया, स्वीडन, अमेरिका एवं भारत के बच्चे आज अपने एक माह के प्रवास के दौरान के लखनऊ भ्रमण को निकले एवं रीजनल साइंस सेन्टर, इमामबाड़ा, अम्बेडकर पार्क इत्यादि की सैर की एवं यहाँ की गंगा-जमुनी तहजीब को नजदीक से अनुभव किया। ज्ञातव्य हो कि 28 दिसम्बर 2011 से 24 जनवरी 2012 तक एक माह का ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर’’ इन दिनों सी.एम.एस. की मेजबानी में आयोजित किया जा रहा है जिसमें विभिन्न देशों के 11 वर्ष से 12 वर्ष की आयु के बच्चे साथ-साथ रहकर एकता, शान्ति, सद्भाव, सहयोग, भाईचारा, मैत्री आदि का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं तथापि भारत की सँस्कृति, सभ्यता, खान-पान व रीति-रिवाजों से भी अवगत हो रहे हैं। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी।
श्री शर्मा ने बताया कि लखनऊ की गलियों में घूमते हुए इन विदेशी बच्चों ने वसुधैव कुटुम्बकम का अनूठा अद्भुद दृश्य उपस्थित किया एवं लखनऊ दर्शन के दौरान इन विदेशी बाल मेहमानों ने विभिन्न प्रकार के लजीज पकवानों का भी जमकर आनन्द उठाया। अवध के नवाब आसिफुद्दौला द्वारा बनवाये गये इमामबाड़ा को देखकर इन बच्चों ने कहा कि हिन्दू मुस्लिम एकता का परिचय देती हुई यह इमारत अपने आप में शानदार धरोहर है। हम लोग चाहे किसी भी मजहब के क्यों न हों किन्तु हम सब विश्व शान्ति चाहते हैं। मानव मात्र का सबसे पहला धर्म यही है कि वह विश्व कल्याण के लिए कार्य करे। एक अनौपचारिक वार्ता में विभिन्न देशों से पधारे इन बच्चों ने कहा कि भारत के इतिहास के बारे में मैने किताबों में पढ़ा था। आज मैंने यहाँ की संस्कृति, सभ्यता, आपसी प्रेम, मिलनसार लोगों को करीब से देखने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है। यहां हमें बहुत प्यार और मुहब्बत मिली है और हम फिर से भारत आना चाहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com