अनुसूचित जाति, जनजाति के अध्यक्ष एवं काग्रेस पार्टी के सांसद पीएल पूनिया ने कहा है कि दलित एवं गरीबो के प्रेम का नाटक उनके हितैषी बनकर पांच साल पूर्व सत्ता की कुर्सी पर पहुची मायावती का दलित प्रेम की परिभाषा जनता समझ चुकी है वो अपनी कुर्सी बचाने के लिये प्रयत्नशील जरूर है जो अपने ही पार्टी के दागी नेताओ को हटाकर साफ सुथरी कार्यशैली का दम भरते नजर आ रही है, परन्तु ये कार्यवाही अभी तक उन्होने ये क्यो नही की जब प्रदेश भर मे दलितो के साथ अत्याचार हो रहा था, अमानुषिक व्यवहार हो रहा था, उनका सवा हिस्सा भी नही हुआ वो बेदाग रहा ये बात उन्होने नघेटा रोड काग्रेस कार्यालय पर बसपा सरकार पर निशाना साधते हुये कहा। उन्होने कहा मुख्यमन्त्री का दलित प्रेम, गरीब प्रेम एक धोखा है। रैली मे कुछ और कहती है और चिठ्ठी लिखते समय कुछ और ही हो जाती है। अगर ऐसा नही होता तो एफडीआई का उन्होने विरोध क्यो किया। इतने दिन सत्ता मे रहने के बाद आरक्षण क्यो नही किया गया किसने उन्हे रोका था ये तो राज्य का अधिकार है। पत्रकारो से वार्ता करते हुये उन्होने कहा और उदाहरण देकर समझाया कि बसपा सरकार का असली चेहर उनकी कथनी और करनी के अन्तर को समझाया। अन्ना प्रकरण पर पूनिया बोले जनता ने वास्तविकता समझकार उनसे किनारा कर लिया है, मुम्बई की रैली इसका उदाहरण काफी है। बसपा सुप्रीमो ने अपनी पराजय स्वीकार करके मुख्यमन्त्री आवास को खाली करके पूर्व मुख्यमन्त्री आवास मे चली गई है, उनके विषय मे इससे बडा प्रमाण हम और क्या दे सकते है। हार स्वीकार करने का ताजा प्रमाण है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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