भ्रष्टाचार के आरोप में जिन दो मंत्रियों को बसपा ने निकाला, भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे भाजपा और बसपा की अंदरूनी सांठगांठ उजागर हुई है और यह भी साफ हो गया कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो सूची अभी जारी की है उसमें बसपा सरकार के भ्रष्टाचार के आरोपी दो दागी मंत्री शामिल हैं जिन्हें बसपा ने मंत्रिमण्डल से ही नहीं निकाला बल्कि पार्टी से बाहर कर दिया। इससे भ्रष्टाचार के विरूद्ध कोरी आवाज उठाने और थोथा आरोप लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी का दोमुंहा चरित्र उजागर हुआ है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में भारी अंतर सदैव रहा है। यही कारण है कि दिनों-दिनों भाजपा अपना खो चुकी अस्तित्व पूरे देश में बचाने में न सिर्फ जुटी हुई है बल्कि उ0प्र0 में अंतिम सांसे गिन रही है। उन्होने कहा कि भाजपा की दोमुंही नीति अभी जल्दी ही पूरे देश के सामने आया था जब लोकपाल के मुद्दे पर भाजपा के शीर्ष नेता सार्वजनिक मंचों पर कुछ और कह रहे थे और संसद में जब बात आयी तो दूसरी बात रटने लगे। उन्होेने कहा कि यही नहीं उ0प्र0 में कई बार इसी भारतीय जनता पार्टी ने बसपा के साथ मिलकर सत्ता का सुख भोगा है।
श्री मदान ने कहा कि अभी अधिक दिन नहीं बीते जब भाजपा के राष्ट्रीय सचिव द्वारा लखनऊ में आकर प्रेसवार्ता में इसी बहुजन समाज पार्टी के भ्रष्टाचार की एक न एक रोजाना कलई खोलते नहीं थकते थे और 100-100 भ्रष्टाचार गिनाते ही नहीं थे बल्कि पूरी की पूरी बुकलेट छपवाकर प्रेस को देते थे और समाचारपत्रों में सुर्खियां बटोरने का कार्य करते थे। किन्तु अब कौन सा सांप सूंघ गया है जब अछूत रही बसपा आज भारतीय जनता पार्टी की सबसे चहेती पार्टी बन गयी है। उन्होने कहा कि जिन-जिन लोगों को बसपा नकारती है उसे भाजपा अपने हाथों हाथ ले रही है। इससे तो यही लगता है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर मिलकर सरकार बनाने का तानाबाना बुन रही है। लेकिन प्रदेश की जनता इन दोनों दलों की असलियत समझ चुकी है अब वह इनके झांसे में आने वाली नहीं है। इन दोगली चरित्र वाली पार्टियों को चुनाव में पटखनी देने के लिए प्रदेश की जनता तैयार बैठी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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