पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविन्द ने आज प्रदेश पार्टी मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि उ0प्र0 के इतिहास में यह पहली सरकार है जिसने अपने 19 मंत्रियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप में बर्खास्त किया और एक मंत्री ने त्यागपत्र दिया। श्री कोविन्द ने कहा कि जिस कैबिनेट के एक तिहाई मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में निकाले गए हैं उस कैबिनेट की मुखिया के समक्ष उसकी प्रशासनिक योग्यता और क्षमता को लेकर गम्भीर प्रश्न खड़े करता है।
श्री कोविन्द ने सवाल पूछते हुए कहा कि उ0प्र0 की जनता यह जानना चाहती है कि एक सप्ताह के अन्दर आठ-दस मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में तब बर्खास्त किया जब चुनाव घोषित हो गए। क्या मुख्यमंत्री को अपने इन मंत्रियों द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार पिछले साढ़े चार वर्षो में नहीं समझ में आया ? यह मुख्यमंत्री की प्रशासनिक अक्षमता और अयोग्यता को साबित करता है।
श्री कोविन्द ने मुख्यमंत्री से पूछा कि भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्रियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर मुकदमा चलाए जाने की पहल क्यों नहीं की गई ?
सरकारी जमीन पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने वाले मंत्रियों से कब्जा हटाने की कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
कैबिनेट में सबसे कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन को मायावती ने आज तक भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत अब तक क्यों बर्खास्त नहीं किया ? जबकि नसीमुद्दीन के एजुकेशन ट्रस्ट का अभिलेखों में दर्ज पता तक फर्जी पाया गया है।
श्री कोविन्द ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नसीमुद्दीन को सम्भवतः इसलिए बर्खास्त नहीं किया कि शायद उनको लगता है कि नसीमुद्दीन की बर्खास्तगी से लोकायुक्त की जांच उन तक पहुंचेगी। श्री कोविन्द ने नसीमुद्दीन की बर्खास्तगी की मांग की है ताकि लोकायुक्त की जांच प्रभावित न हो।
श्री कोविन्द ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत मायावती की होर्डिग हटाए जाने का स्वागत करते हुए चुनाव आयोग से पूछा कि वह हाथी की मूर्तियों को अभी तक क्यों नहीं हटा रही है जबकि वे बसपा के प्रचार तंत्र के माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता के लिए मुख्यमंत्री द्वारा स्थापित हाथी की मूर्तियों को तत्काल हटाने की कार्रवाई करे।
श्री कोविन्द ने मायावती से मांग की है कि वह ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय द्वारा लोकायुक्त से रिश्तों को लेकर कहीं गई बात पर स्पष्टीकरण दें और कहा कि जनता जानना चाहती है कि रामवीर उपाध्याय और लोकायुक्त के बीच किस तरह के रिश्ते हैं। क्योंकि लोकायुक्त ने रामवीर उपाध्याय के खिलाफ जांच में उन्हें आरोप मुक्त किया है। भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी द्वारा सहारनुपर में मजबूत लोकपाल को लेकर कही गई बात को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी इस बात का प्रमाण है सरकार द्वारा पेश किया गया लोकपाल बिल कमजोर लोकपाल बिल है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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