- उड़नदस्तों और निगरानी टीमों द्वारा बेहिसाबी नकद, स्वर्ण और अन्य बहुमूल्य सम्पत्ति से निपटने के लिये सामान्य जन, छोटे व्यापारियों और किसानों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखकर प्रक्रिया में आंशिक परिवर्तन: उमेश सिन्हा
- धनराशि का सम्बन्ध किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार से होने, मतदाताओं के मध्य वितरित करने का सन्देह की स्थिति में फ्लाइंग स्क्वाड/सर्विलांस टीम द्वारा धनराशि को जब्त कर लिया जायेगा: मुख्य निर्वाचन अधिकारी
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में बुलन्दशहर जिले के थाना डिबाई में एक, बदायूॅं जिले के सिविल लाइन थाने में तीन तथा बदायॅंू के बिनावर थाने में एक, कुल पाॅच एफ.आई.आर. दर्ज किये गये हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी सामान्य निर्वाचन 2012 में निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान उड़नदस्तों और निगरानी टीमों द्वारा बेहिसाबी नकद, स्वर्ण और अन्य बहुमूल्य सम्पत्ति से निपटने के लिये सामान्य जन, छोटे व्यापारियों और किसानों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखकर प्रक्रिया में आंशिक परिवर्तन किये है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री उमेश सिन्हा ने बताया कि आकस्मिक उद्देश्य के लिये दस्तावेजों सहित नकद धनराशि ले जाने पर उड़नदस्ता द्वारा संबंधित व्यक्ति द्वारा दिखाये गये दस्तावेजों की जाॅंच कर उसकी एक प्रति आयोग को प्रस्तुत करने संबंधी निर्देशों को अब हटा दिया गया है। साथ ही यदि किसी धनराशि के बारे में अपराधिता का सन्देह नहीं होता और ले जाने वाली धनराशि एक लाख रूपये से अधिक होती है तो इसके संबंध में आयकर विभाग को सूचित करने का भी प्राविधान को भी हटा दिया गया है।
श्री सिन्हा ने बताया कि नये प्राविधानों के अनुसार यदि फ्लाइंग स्क्वाड या सर्विलांस टीम यह पाते हैं कि धनराशि का सम्बन्ध किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार से है तथा उसे मतदाताओं के मध्य वितरित करने का सन्देह है तो फ्लाइंग स्क्वाड /सर्विलांस टीम द्वारा प्रश्नगत राशि को जब्त कर लिया जायेगा। यदि यह धनराशि ढाई लाख तक है और उसका सम्बन्ध किसी उम्मीदवार तथा राजनैतिक दल से नहीं है और कोई अपराध का सन्देह नहीं है तथा राशि के निकालने/प्रयोग के संबंध में पर्याप्त अभिलेख हैं तो उसे जब्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में संबंधित व्यक्ति को पहचान पत्र/पैनकार्ड/निवास/ कार्यालय का प्रमाण-पत्र/धनराशि का स्रोत जैसे बैंक की आहरण स्लिप, पासबुक आदि तथा किस प्रयोजन के लिये ले जाया जा रहा है, उसे अवश्य दिखाना होगा। उन्होंने बताया कि उक्त प्रकार की धनराशि ढाई लाख से अधिक होने पर धनराशि अवमुक्त करने से पूर्व आयकर अधिकारियों को भी सूचित करना अनिवार्य होगा, संबंधित विभाग आयकर अधिनियम के अन्तर्गत मामले को देखकर कार्यवाही करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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