जनपद मे राजनैतिक खामोशी की चादर फैली थी, शियासतदानो मे बस एक ही थी, कि नितिन अग्रवाल का टिकट काटकर वसपा ने उस राजनैतिक खिलाडी का अगला कदम क्या होगा ? जानकारो के अनुसार वो चुपचाप नही बैठगे क्योकि उनमे दमखम की कमी नही है। सच तो यह है कि वसपा मे वो एक घुटन सी महसूस कर रहे थे, उचित समय और उचित अवसर का उन्हे इन्तजार था जो बसपा पार्टी ने उन्हें प्रदान कर दिया। राजनैतिक इतिहास जनपद का एक बार फिर नये समीकरण रचेगा, इसीलिये भारी संख्या मे उनके समर्थन लखनऊ रवाना हो गये। समाचार लिखने तक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिह से मिलकर सपा से कंधा से कंधा से मिलाकर जुड चुके है जिले का इतिहास फिर नये समीकरण लिखेगा। प्रत्याशियो मे फेरबदल फिर किया जायेगा। जिले की विधायिका राजेश्वरी तथा उनके समर्थक भी लखनऊ रवाना हो गये है। नरेश अग्रवाल के सपा मे जाने से समाजवादी पार्टी को दुगनी खुशी मिली है, उन्हे एक दमदान राजनैतिक व्यक्तित्व का नेता जो शून्यता को भर सकेगा मिल गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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