Categorized | लखनऊ.

हिन्दुओं का अधिकार एवं रोजगार छीनने के षडयंत्र को बर्दास्त नहीं करेंगें

Posted on 26 December 2011 by admin

हम किसी भी हिन्दू-ओ.बी.सी., अनुसूचित जाति, जनजाति या ओपन केटेगिरी-की एक भी नौकरी या अधिकार मुसलमान, ईसाई को नहीं देने देंगे।
ओ.बी.सी. आरक्षण में से मुसलमानों को एक भी रोजगार नहीं देने देंगे
मुस्लिम आरक्षण संविधान के विरूद्ध है।
मजहब के आधार पर आरक्षण देश तोडने का षडयंत्र है।

विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र ने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूपीए सरकार द्वारा सच्चर कमेटी की सिफारिशों की आड में, मजहब के आधार पर हिन्दू समाज की पिछडी जाति के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण में से 4.5 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित आरक्षण में से भी कुछ भाग मुस्लिम समाज को मजहब के आधार पर देने का पुरजोर विरोध किया।
श्री दिनेश ने बताया मजहब आधारित आरक्षण भारतीय संविधान के विरूद्ध है। भारत की एकता अखण्डता के लिए खतरा तथा देश में अलगावाद की भावना जागृत करने वाला है। इसके क्रियान्वयन से देश के पुनः विभाजन का भी खतरा है।
श्री दिनेश ने बताया मुस्लिमों की पिछड़ी जातियों को पहले से ही हिन्दू पिछड़ा वर्ग (वइब) कोटे में आरक्षण प्राप्त है। मुस्लिम शिक्षा संस्थानों को सरकारी अनुदान भी मिलता है फिर भी ऐसे संस्थानों में हिन्दू ेबध्वइब युवकों के लिए आरक्षण का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। मुस्लिम एवं ईसाईयों के विकास के बहाने उनके तुष्टिकरण के लिये तीन-तीन आयोग बनाये गये हैं, फिर भी एक और आरक्षण देने की सिफारिश केवल वोट बैंक की राजनीति ही है अतः संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
श्री दिनेश ने बताया कि संविधान सभा में परिचर्चा के दौनान डाॅ0 बाबा साहब अम्बेडकर, पं0 जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल तथा श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने मजहब आधारित आरक्षण की मांग का सर्वसम्मति से विरोध किया था, इतना ही नहीं प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 27 जून, 1961 को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखकर ‘‘मजहब आधारित आरक्षण‘‘ को नकार दिया था।
उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग कोटे से मुसलमानों को आरक्षण देने से सम्पूर्ण हिन्दू समाज को भयंकर परिणाम भोगने पडेंगे उदाहरणार्थ-
    पिछड़ी जातियों के कमजोर लोगों को बहुत भारी आर्थिक, राजनैतिक और शैक्षणिक हानि होगी।
    भविष्य में आबादी के अनुपात में मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए आरक्षण की मांग उठाई जायेगी, जो देश को विभाजन के कगार पर खड़ा कर देगी।
    मजहबी उन्माद, वर्ग संघर्ष एवं दंगा आदि की घटनाएं बढ़ेंगी।
    पिछड़ी जातियों के आर्थिक अनुदानों में से मुस्लिमों की हिस्सेदारी हो जाने के कारण पिछड़ा वर्ग और अधिक कंगाल एवं बेरोजगार हो जायेगा।
    आर्थिक क्षेत्र में पिछड़े वर्ग की वर्तमान भागीदारी व्यवस्था और उद्योग व्यापार में पिछड़े वर्ग को मिलने वाली सहायता मुस्लिमों में बटेगी।
    अन्र्तराष्ट्रीय मुस्लिम लाबी एवं ईसाई लाबी द्वारा भारत के हिन्दू युवकों को अपने-अपने मजहब में धर्मान्तरित करके अपनी जनसंख्या बढ़ाकर भारत को अन्र्तराष्ट्रीय आतंकवाद का युद्धक्षेत्र बनाए जाने की संभावना बढे़गी और धर्मान्तरण को बढ़ावा मिलेगा।
श्री दिनेश ने बताया कि आज ओबीसी का आरक्षण छीना जा रहा है, भविष्य में अनुसूचित जाति का आरक्षण छीनकर मुस्लिम व ईसाई को दिया जायेगा। अनुसूचित जनजाति का आरक्षण ईसाई को दे दिया गया है अब भारत के संविधान दर संशोधन में संशोधन करके मजहब के आधार पर मेरिट के हिन्दुओं का रोजगार छीनकर मुस्लिम व ईसाइयों को देने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
श्री दिनेश ने मांग की कि-
01.    जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग एवं सच्चर कमेटी की सिफारिशें जो सामाजिक सौहार्द को नष्ट करने वाली एवं अलगाववाद को बढ़ाने वाली हैं तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाय।
02.    तमिलनाडु, केरल, आन्ध्र प्रदेश आदि प्रान्तों में मुस्लिम समाज की गरीबी का बहाना बताकर वोट बैंक की घृणित नीति के अनुसार जो आरक्षण दिया गया है उसको भी रद्द किया जाए।
03.    ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में से मुसलमानों को आरक्षण न दिया जाय।
04.    इस्लाम में जाति नहीं है तो आज 27 प्रतिशत ओबीसी के आरक्षण में मुसलमानों की जो जातियां सम्मिलित हैं उनको भी हटाया जाय।
05.    अनुसूचित जाति के आरक्षण से मुस्लिम व ईसाइयों को आरक्षण न दिया जाय।
06.    अनुसूचित जनजाति के आरक्षण से ईसाइयों को हटाया जाय।
07.    भारतीय संविधान ने मजहब के आधार पर आरक्षण को अस्वीकार किया है तो मजहब के आधार पर आरक्षण की सिफारिश एवं मांग करने वाले के विरूद्ध देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाय।
श्री दिनेश ने हिन्दू समाज का आह्वान किया कि हिन्दू समाज में जन्मी अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी सभी मिलकर समस्त हिन्दू समाज की रोजी-रोटी छीनने वाली/ईसाई वोट बैंक आधारित राजनीति को परास्त करें।
राष्ट्र की एकता अखण्डता में विश्वास रखने वाले सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संस्थाओं से विश्व हिन्दू परिषद अनुरोध करता है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में संगठित होकर इस सिफारिश को लागू किये जाने का पुरजोर विरोध कर आन्दोलन में सक्रिय सहभागी बने।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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