जनपद के इतिहास मे पहली बार विराट ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन परशुराम सभा के बैनर तले जीआईसी मैदान पर किया गया आयोजक के मुख्य अतिथि के तौर पर प्रसिद्व नैमिशारण तीर्थ के नारदानन्द सरस्वती आश्रम भारत भक्त समाज के सरंक्षक स्वामी सर्वेश्वरानन्द जी महराज तथा उनके परम शिष्य आचार्य राजेश चन्द्र मिश्र महराज मन्च पर आसीन रहे। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे बोलते हुये स्वामी जी ने कहा कि हिन्दू समाज मे व्याप्त कुरीतिओ पर प्रहार करते हुये बताया कि ब्राह्मण अपना ब्राह्मणत्व किस प्रकार खो रहा है जबकि वो अपनी पहचान शिखा तिलक केश पहनावा, वाणी मे संयम ही खो चुका है तो ब्राह्मण का ब्राह्मणत्व कहा रह गया जाति वर्ण व्यवस्था पर कहा ब्राह्मण की उत्पत्ति ब्राह्म के मस्तिष्क रूपी स्वरूप से क्षत्रियो की उत्पत्ति उसकी भुजाओ से हुई है अन्य की उत्पत्ति इसी प्रकार अन्य अंगो से हुई है। मुगलकालीन सम्राट अकबर और ब्राह्मण बीरबल की कहानी मे ब्राह्मण की विशेषता मे बताया जिसमे गंगा जल की महिमा क्यो गाय का दूध सर्वोत्तम क्यो जाति ब्राह्मण की क्यो सर्वोच्च है तो ब्राह्मण बीरबल ने जवाब दिया कि गंगा का पानी अमृत समान है गाय का दूध औषधि के रूप मे जाना जाता है और ब्राह्मण की पहचान इसलिये सर्वोत्तम है कि अपनी वाणी अपने पहनावा से उसकी विशेषता आंकी जाती है जो आज का ब्राह्मण खो रहा है आचरण विहीन बन रहा है । आयोजन समिति का संचालन के के दिवेदी जी ने किया अध्यक्षीय भाषण मे श्यामाकान्त दीक्षित जी ने ब्राह्मण को आरक्षण पर समुचित विचारधारा के उपयोग पर संगठन की महत्वा को समक्षा कर एकता का पाठ पढाया। सस्कृत भाषा अपनाने, वाणी मे नमृता, सहनशीलता बच्चो मे संस्कार देने की सारगर्भित बाते बताई। पूर्व विधायक लालन शर्मा द्वारा हरदोई जनपद की 5 नदी वाले क्षेत्र की विशेषता पर अपने विचार रखे। और आयोजन समिति द्वारा प्रथम बार सम्मेलन करने पर काफी साधुवाद भी दिया। प्रसिद्व वक्ताओ मे पन्डित उमाकान्त शास्त्री, अशोक कुमार दीक्षित, लालन शर्मा, महराज नारायण अवस्थी आदि ने अपने विचार रखें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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