सौर ऊर्जा मेल में आज दूसरे दिन विकास खण्ड खन्दौली, सैंया, एत्मादपुर, जगनेर एवं खेरागढ के ग्राम प्रधानों ने प्रशिक्षण सत्र एवं गोष्ठी में भाग लिया। बडी संख्या में छात्र-छात्राओं तथा स्थानीय नागरिकों ने मेलें में लगाये स्टालों पर जाकर जानकारी प्राप्त की ।
प्रशिक्षण प्रभारी संजय वर्मा ने बताया कि सोलर सिंचाई पम्प 1200 तथा 1800 वाट में उपलब्ध है। सबमर्सिबल, सोलर सरफेस पम्प 900 वाट में उपलब्ध है। सोलर बूस्टर पम्प बहुमंजिले भवनों के लिए उपयोगी है। नागरिकों ने गैसीफायर के बारे में भी जिज्ञासा दिखाई। गैसी फायर में कूडें-कचरे से बिजली बनाई जाती है। इससे उत्पन्न धुॅएंे को पानी से गुजार कर प्रोडुशर बनाते है। इसे आल्टरनेटर से भी जोडा जा सकता है। यह 20 किलोवाट से 500 किलोवाट क्षमता में उलपब्ध है और एक हजार रूपये प्रतिवाट अनुदान है। संगोष्टी में परियोजना अधिकारी नेडा अतुल जैन ने सौर ऊर्जा पर आधारित विभिन्न उपकरणों की विस्तार से जानकारी दी। श्री जैन ने कहा कि वातावरण को स्वच्छ रखने में सौर ऊर्जा उपकरणों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि 23 से 25 दिसम्बर तक आयोजित मेले में लगभग 20 संस्थानो ने अपने स्टाल लगाये है तथा प्रोजेक्ट लगाने हेतु कन्सल्टेंट भी उपलब्ध हैं।
टाटा सोलर के प्रतिनिधि आर.पी.सिंह ने होम लाइट पैनल आदि की जानकारी देते हुए अनुदान तथा ऋण सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा अनुदान तथा ऋण सुविधा हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये है। सोलर प्रोजेक्ट हेतु पांच प्रतिशत व्याज दर निर्धारित है। नेडा के परियोजना अधिकारी अरूण श्रीवास्तव ने सोलर पावर प्लांट, सोलर कुकर, तापीय ऊर्जा से वाटर हीटिंग सिस्टम आदि की जानकारी देते हुए बताया कि दयालबाग के दो छात्रावासों में लगभग 400 छात्रों का खाना सैफ्लर सोलर कुकर के द्वारा तैयार किया जा रहा है।
परियोजना अधिकारी अतुल जैन ने प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए सौर ऊर्जा के प्रति लोगों के उत्साह को महत्वपूर्ण बताया है।ग्राम प्रधान राज्य वित्त आयोग की धनराशि से सामूहिक प्रकाश व्यवस्था हेतु उपकरण क्रय कर सकते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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