- केन्द्र की सरकारों द्वारा अपने राजनैतिक लाभ के लिये सी0बी0आई0 का दुरूपयोग किया गया
- सशक्त, प्रभावी और कारगर लोकपाल बिल हेतु मेरे सुझावों पर केन्द्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया-माननीया मुख्यमंत्री जी
- संसद में प्रस्तुत किये जाने वाले लोकपाल विधेयक की प्रति बी0एस0पी0 के सांसदों को नहीं उपलब्ध करायी गयी
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा है कि संसद में प्रस्तुत किये जाने वाले लोकपाल विधेयक की प्रति बी0एस0पी0 के सांसदों को नहीं उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में प्रसारित व प्रकाशित समाचारों से यह प्रतीत हो रहा है कि अन्य पार्टियों के सांसदों को भी उक्त विधेयक की प्रति उपलब्ध नहीं हुई है।
समाचार पत्रों में लोकपाल विधेयक के सम्बन्ध में प्रकाशित खबरों के आधार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसा लगता है कि सशक्त, प्रभावी और कारगर लोकपाल बिल हेतु उनके द्वारा पूर्व में दिये गये सुझावों पर केन्द्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया और विधेयक में वांछित प्राविधान नहीं किये।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने सी0बी0आई0 को लोकपाल के दायरे में लाने पर विशेष बल दिया था, क्योंकि प्रायः ऐसा देखा गया है कि समय-समय पर केन्द्र की सरकारों द्वारा अपने राजनैतिक लाभ के लिये सी0बी0आई0 का दुरूपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 व उसकी सरकार इस प्रकार के दुरूपयोग का शिकार रही हैं। इस प्रकार के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिये ही उन्होंने सी0बी0आई0 को लोकपाल की परिधि में लाने की मांग की थी। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने उनकी इस मांग को नजर अंदाज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सी0बी0आई0 को लोकपाल के दायरे में शामिल नहीं किया जाता, तो ऐसी दशा में बहुजन समाज पार्टी प्रस्तुत विधेयक का समर्थन नहीं करेगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री जी के पद को लोकपाल के दायरे में लाने के साथ-साथ केन्द्र सरकार के समूह ‘ग’ व ‘घ’ के कर्मचारियों सहित सभी स्तर के केन्द्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों को इसके दायरे में लाये जाने की मांग भी की थी। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की सोच व भावनाओं का आदर-सम्मान करते हुए लोकपाल बिल के अन्दर सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले स्थानों पर, समाज के खासतौर से अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को भी उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की थी, क्योंकि इन वर्गों के लोग सदियों से हर मामले में व हर स्तर पर जातिवादी मानसिकता के चलते शिकार होते चले आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि धर्म निरपेक्षता के आधार पर बने देश के संविधान के कारण, लोकपाल में सभी धर्मों के लोगों को केन्द्र सरकार द्वारा उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिये और बिल का मसौदा बनाने के लिये जो भी फाइनल कमेटी बनती है, उसमें भी इन वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व अवश्य मिलना चाहिये।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रभावी लोकपाल बिल लाये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देश में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये, यह अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में बढ़ रहे अपराधीकरण की मुख्य जड़ वास्तव में भ्रष्टाचार ही है। इसलिए इन दोनों बुराइयों से निपटने के लिये लोकपाल को सशक्त और कारगर बनाया जाना चाहिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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