भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन देेकर कांगे्रस द्वारा 27 प्रतिशत पिछड़े वर्गो के आरक्षण में से 7 प्रतिशत काटकर मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने का विरोध किया गया।
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पिछड़ वर्ग प्रकोष्ठ के प्रभारी सुशील शाक्य के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान विरोधी है। पिछड़े वर्ग की सूची में मुसलमानों की पिछड़ी जातियां पूर्व में ही सम्मिलित हैं। कांगे्रस तमाम साजिश व षडयंत्र के जरिए मजहबी आरक्षण के लिए आमदा है। सच्चर कमेटी व रंगनाथ मिश्र आयोगों की रिपोर्ट के माध्यम से केन्द्र ने मजहबी आरक्षण के लिए माहौल बनाया है। कांग्रेस-सपा-बसपा तीनों मुस्लिम वोट बैंक के लालच पिछड़े वर्गो के हितों की बलि देने का तैयार है। संविधान संशोधन जैसी बातें भी की जा रही हैं।
ज्ञापन में महामहिम राज्यपाल महोदय से अनुरोध किया गया कि पिछड़े वर्गो की आरक्षण सूची में पंथ/मजहब आधारित संविधान विरोधी आरक्षण में सम्मिलित कराने से रोकने का कष्ट करें। ऐसा आरक्षण पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डा0 बी0आर0अम्बेडकर, डा0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी सहित सभी संविधान निर्माताओं की भावना के विपरीत है। साथ ही उ0प्र0 सरकार द्वारा नियुक्त सामाजिक न्याय समिति 2001 की रिपोर्ट भी लागू करने की मांग की गई।
महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधि मंडल में पूर्व विधायक सुशील शाक्य, प्रदेश मंत्री भाजपा जसवंत सैनी, पूर्व एमएलसी ब्रजभूषण ंिसह कुशवाहा, पूर्व मंत्री बहोरनलाल मौर्य, दुलीचंद सैनी, वेदराम मौर्य, भारत सिंह मौर्य, अरूण पाल, भगीरथी मौर्य, हरीश शाक्य सहित कई अन्य लोग सम्मिलित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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