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पश्चिमी गण्डक नहर मार्च, 2012 तक बिना किसी पूर्व सूचना के बन्द करने का निर्णय एकतरफा

Posted on 21 December 2011 by admin

  • उ0प्र0 सरकार ने केन्द्र सरकार से तत्काल जलापूर्ति बहाल कराने का अनुरोध किया
  • पश्चिमी गण्डक नहर बहाल करने के सम्बन्ध में उ0प्र0 एवं बिहार के मुख्य सचिवों की पटना में बैठक सम्पन्न

प्रदेश के पूर्वी जिलों में सिंचाई की व्यवस्था बहाल करने के लिए माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र ने बिहार के मुख्य सचिव के साथ पटना में एक बैठक कर इस समस्या के तत्काल समाधान का अनुरोध किया है। पटना में सम्पन्न बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव के नेतृत्व में गयी एक टीम ने अवगत कराया कि पश्चिमी गण्डक नहर प्रणाली को अचानक बन्द कर देने से उ0प्र0 के चार जनपदों गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज एवं कुशीनगर की 1.01 लाख हेक्टेअर की सिंचाई बुरी तरह से प्रभावित हो गयी है। इससे प्रदेश के 2.25 लाख किसान प्रभावित हो रहे हैं।
प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा कि नहर के पानी को अचानक बन्द कर देने की पूर्व सूचना उ0प्र0 सरकार को नहीं दी गई और एकतरफा निर्णय लेते हुए 04 नवम्बर, 2011 से 30 जून, 2012 तक के लिए इस नहर में जलापूर्ति बन्द कर दी गई है जिसके कारण किसानों को रबी की फसल की सिंचाई हेतु पानी नहीं मिल पा रहा है। सिंचाई की सुविधा समाप्त होने से इन क्षेत्रों के किसान आक्रोशित हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि पश्चिमी गण्डक नहर में जलापूर्ति तत्काल बहाल किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
ज्ञातव्य है कि पश्चिमी गण्डक नहर प्रणाली में जलापूर्ति बहाल करने के सम्बन्ध में उ0प्र0 एवं बिहार के मुख्य सचिवों के मध्य पटना में 19 दिसम्बर, 2011 को बैठक हुई थी। बैठक में उ0प्र0 की ओर से प्रमुख सचिव, सिंचाई विभाग, प्रमुख अभियन्ता, सिंचाई, प्रमुख अभियन्ता, (परिकल्प एवं नियोजन), मुख्य अभियन्ता (अनुसंधान एवं नियोजन), मुख्य अभियन्ता (गण्डक) एवं सम्बन्धित अधीक्षण अभियन्ता/अधिशासी अभियन्ता भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान श्री मिश्र ने कहा कि मुख्य पश्चिमी गण्डक नहर में किमी0 0.0 से किमी0 5.6 के मध्य सी0सी0 लाइनिंग का कार्य पेवर मशीन आदि न होने से प्रारम्भ नहीं हुआ है, केवल कुछ ही पैनल सीमित श्रमिकों से बनाये गये हैं। किमी 0.0 से 18.90 के मध्य एक वीआरवी स्लैब तक पूर्ण हो चुका है जिससे स्लैब निर्माण करने से नहर चलाने में कोई व्यवधान नहीं होगा। किमी 7.45 पर बाये बैंक पर रेगुलेटर का निर्माण स्लैब लेवल तक पूर्ण हो चुका है।  गेट नं0 34, 35, 36 पर निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। यह सभी कार्य 15 मार्च से 30 जून के मध्य कराये जा सकते हैं। डाउन स्ट्रीम मंे चल रहे कार्य की सुरक्षा हेतु बैराज के गेटों को लोअर करके उसके अपस्ट्रीम में बालू की बोरियाॅं लगाकर सम्भावित सीपेज/लीकेज को रोका जा सकता है। समस्त गेटों को लोअर करके पाॅन्डिंग की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रबी की बुवाई हो चुकी है और ऐसी स्थिति में एक सप्ताह के अन्दर नहर का चलाया जाना अत्यन्त आवश्यक है अन्यथा फसलें सिंचाई के अभाव में नष्ट हो जायेंगी।
प्रमुख सचिव, सिंचाई, उ0प्र0 शासन द्वारा भी बिहार के अधिकारियों को अवगत कराया गया कि इस संबंध में भारत सरकार को भी लिखा गया है तथा बिहार के मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री से भी अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रकरण अत्यन्त संवेदनशील है क्योंकि 04 जनपदों के किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
बिहार के मुख्य सचिव ने बैठक में बताया कि भारत सरकार की सहायता से राष्ट्रीय समविकास योजना/पिछडा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत पूर्वी नहर प्रणाली (वाल्मीकि गण्डक बैराज सहित) की मरम्मत करायी जा रही है। इसके साथ ही ए0आई0बी0पी0 के तहत नेपाल हितकारी योजना-2009 गण्डक प्रोजेक्ट के तहत मुख्य पश्चिमी नहर का मरम्मत का कार्य भी प्रगति पर है। योजना का कार्य मार्च 2012 तक ही पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस दौरान यदि नहर बन्द नहीं की जाती है तो कार्य 31 मार्च तक पूर्ण नहीं हो पायेगा।
बैठक में बताया गया कि इस प्रकरण में केन्द्र सरकार के साथ नेपाल भी शामिल है और मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। मरम्मत के दौरान यदि नहर में पानी बन्द नहीं किया गया तो कुछ कार्य दुबारा कराने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में इस कार्य की लागत बढ़ जाने की सम्भावना है। इन तथ्यों के मद्देनजर भारत सरकार से इस योजना को पूरा करने हेतु कुछ समय और बढ़ाने का अनुरोध करना पड़ेगा तथा लागत में बढ़ोत्तरी के सम्बन्ध में धनराशि की मांग भी करनी होगी। भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने के पश्चात ही कोई कार्यवाही की जा सकती है। बिहार के प्रमुख सचिव, जल संसाधन ने अवगत कराया कि हालांॅकि कार्य पूर्ण करने की अवधि 31 मार्च है लेकिन यह यह कार्य अधिकतम महीने और खिंच सकता है।
श्री मिश्र ने बैठक में यह अनुरोध भी किया कि चूॅंकि बुवाई हो चुकी है और पानी की तुरन्त आवश्यकता है, ऐसी स्थिति में भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने में बहुत समय लग जायेगा। प्रश्नगत मामले में भारत सरकार से निर्देश के सम्बन्ध में ऐसा कोई बिन्दु भी निहित नहीं है। बिहार के प्रमुख सचिव, जल संसाधन स्वयं कह रहे हैं कि 31 मार्च से ज्यादा समय लग सकता है। ऐसी स्थिति भारत सरकार को अवगत कराते हुए जलापूर्ति बहाल कर दी जानी चाहिए। बैठक मंे श्री मिश्र ने जोर दिया कि इस सम्बन्ध मंे विलम्ब न किया जाये और पश्चिमी नहर में तत्काल पानी छोड़ा जाय।
ज्ञातव्य है कि बिहार सरकार द्वारा दिनाॅंक 04-11-2011 से पश्चिमी गण्डक नहर प्रणाली में जलापूर्ति बन्द करने के बाद उ0प्र0 के प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं मुख्य सचिव द्वारा बिहार सरकार को कई बार जलापूर्ति बहाल करने हेतु अनुरोध किया जा चुका है। प्रमुख अभियन्ता (परिकल्प एवं नियोजन) की अध्यक्षता में मुख्य अभियन्ताओं की टीम भी दो बार बिहार के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुकी है। प्रदेश के सिंचाई मंत्री भी बिहार के सिंचाई मंत्री को दो बार पत्र लिखकर अनुरोध कर चुके हैं लेकिन बिहार सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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