भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस, सपा व बसपा पर वोट बैंक तुष्टीकरण के लिए अलगाववाद को बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि तीनो दल सम्प्रदाय विशेष का वोट प्राप्त करने के लिए खतरनाक खेल खेल रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि राहुल गांधी ने मदरसों को शिक्षा के अधिकार के प्राविधानों से मुक्त रखने का आश्वासन देकर शिक्षा में भी साम्प्रदायिक विभाजन की शुरूवात की है। बसपा, सपा पहले से ही अलगाववादी मजहबी आरक्षण की मांग का विलाप कर रही हैं। कांग्रेस ने सच्चर कमेटी व रंगनाथ आयोगों के जरिए पहले माहौल साम्प्रदायिक बनाया और अब संविधान विरोधी मजहबी आरक्षण लागू करने की तैयारी है। भाजपा किसी भी सूरत में मजहबी आरक्षण नहीं बर्दास्त करेगी।
श्री दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनावों को लेकर कांग्रेस, बसपा व सपा तीनों दलों में बौखलाहट है। पानी, बिजली, सड़क, खेती, किसानी जैसे विकास के बुनियादी सवालों को लेकर कांग्रेस, सपा व बसपा के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं हैं। तीनों में मजहबी उन्माद का वोट बैंक मुनाफा पाने की गलाकाट प्रतिस्पधा है। तीनों में बढ़ चढ़कर तुष्टीकरण की होड़ है। तीनों अलगाववाद को हवा दे रहे हैं। तीनों के पास अपनी दम पर चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से तीनों हलकान हैं।
श्री दीक्षित ने कहा कि श्री अन्ना हजारे के आन्दोलन ने भ्रष्टाचार विरोधी माहौल बनाया है। राज्य की जनता ने केन्द्र की कांग्रेसी सरकार का भ्रष्टाचार देख रही है। राज्य की बसपाई सरकार के भ्रष्टाचार से पीडि़त है। सपाई सरकार के लूट, भ्र्रष्टाचार व माफियाराज से वह आजिज रह चुकी है। आम जनता भ्रष्टाचार को बर्दास्त नहीं कर सकती। इसीलिए तीनों का मनोबल गिरा हुआ है। अल्पसंख्यकवाद बढ़ाने और वोट बैंक तुष्टीकरण तीनों का सामान्य एजेण्डा है। भाजपा सबको न्याय की पक्षधर है लेकिन साम्प्रदायिक तुष्टीकरण के विरोध में है। पार्टी अपने एजेण्डे को लेकर आम जनता के सामने है। श्री राहुल गांधी, मुलायम सिंह व सुश्री मायावती को अपनी-अपनी सरकारों के कामकाज व नीतियां लेकर आम जनता के बीच आना चाहिए। लेकिन तीनों के पास ऐसा साहस नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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