प्रदेश के लोकायुक्त की शिकायत पर जिस तरह से राज्य के बसपा मंत्रिमण्डल के 15वें मंत्री श्री रतनलाल अहिरवार को मंत्रिमण्डल से इस्तीफा देना पड़ा है, उससे ऐसा लगता है कि इस कड़ी में आखिरी बारी मुख्यमंत्री जी की होगी।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जिस तरह से एक संगठित गिरोह की तरह पूरे मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री के संरक्षण में हजारों करोड़ रूपये की लूटपाट की है उसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी जिम्मेदार हैं। इन सबके लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए स्वयं मुख्यमंत्री को इस्तीफा देकर प्रदेश की जनता से इस जघन्य अपराध के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस बात को सार्वजनिक करना चाहिए कि अभी उनके कितने मंत्रियों के खिलाफ जांच चल रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों के अलावा पूरे प्रदेश में उनके कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से लूटपाट मचायी और पूरे प्रदेश को तबाह किया है, उससे दक्षिणी अमेरिका के देश हाइटी के ‘बेबी डाक’ को भी पीछ छोड़ दिया है। जहां तक भ्रष्ट मंत्रियों की बात है, इन मंत्रियों ने अकेले लूटपाट नहीं की, बल्कि उनके इस कृत्य में उनसे जुड़े अधिकारी भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। यही कारण है कि इसी लूट के लिए प्रदेश में पहली बार आई.ए.एस. अधिकारी स्व0 हरमिन्दर राज सिंह एवं एनआरएचएम के कई वरिष्ठ अधिकारियों सहित इंजीनियर स्व0 मनोज गुप्ता की हत्या हुई।
चूंकि यह मामला पूरे मंत्रिमण्डल द्वारा संगठित तरीके से लूटपाट से सम्बन्धित है इसलिए पूरे मामले की सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए सी.बी.आई. जांच की आवश्यकता है ताकि प्रदेश की जनता को पता चले कि उनके मेहनत की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रूपये बहुजन समाज पार्टी सरकार ने किस कदर निर्दयतापूर्वक लूटा है। इतना ही नहीं जिस तरह मंत्रियों के इस्तीफे लेकर जनता को खामोश करने की कोशिश की गयी है इससे यह भी साफ साबित होता है कि मुख्यमंत्री ने यह कदम अपने बचाव के लिए उठाया है। प्रदेश की मुखिया को इस बात का डर था कि तत्कालीन मंत्रियों को नहीं हटाया गया और उन्होने अपनी जबान खेाली तो इसकी आंच मुख्यमंत्री और उनके करीबी अधिकारियों, जो पंचम तल पर बैठकर समानान्तर सरकार चलाते हैं, उन पर आयेगी। अगर ऐसा नहीं होता तो अभी तक प्रदेश की मुख्यमंत्री ने इन मंत्रियों से सम्बन्धित अधिकारियों की, जो उस लूटपाट में बराबर सहयोगी थे, उनकी न ही जिम्मेदारी तय की गयी और न ही उन पर कोई कार्यवाही की।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी पुरजोर मांग करती है कि विगत साढ़े चार वर्ष तक की गयी इस पूरे लूटकाण्ड की जिसमें मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमण्डल शामिल है, से सम्बन्धित प्रकरण की सी.बी.आई. अथवा मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जाय। तथा हटाये गये मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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