भारतीय जनता पार्टी ने लोकायुक्त द्वारा रतन लाल अहिरवार को मंत्री पद से हटाए जाने की सिफारिश के बाद भी अभी तक कार्रवाही न होने की तीखी आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अहिरवार को लोकायुक्त की सिफारिश के बाद भी न हटाना उनकी भ्रष्टाचार समर्थित मानसिकता को पुख्ता करता है।
श्री पाठक ने कहा कि मंत्री अहिरवार पर बुंदेलखंड विकास निधि के दुरूपयोग, ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने और अकूत सम्पत्ति हासिल करने की शिकायत की गयी थी जिसे लोकायुक्त ने अपनी जांच में सही पाया। ठीक इसी प्रकार ग्राम विकास मंत्री दद्दू प्रसाद पर भी क्षेत्र विकास निधि योजना का परिवार हित में खुलकर दुरूपयोग के आरोप है। उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती हीरा देवी द्वारा संचालित महात्मा ज्योतिबा रावफुले विद्यालय रामनगर को 2008-11 के बीच शिक्षण कक्षों, बाउण्ड्रीवाल व शौचालय निर्माण के लिए कुल 97.12 लाख रूपये दिया। श्री पाठक ने दद्दू प्रसाद द्वारा किये गये सरकारी धन के दुरूपयोग की जांच कराये जाने की मांग की है।
बाबू सिंह कुशवाहा एवं प्रदेश सरकार के बीच चल रहे प्रकरण पर श्री पाठक ने कहा कि चूंकि बसपा प्रमुख के प्रत्येक काले कारनामों को कुशवाहा पूरी तरह जानते हैं कहीं उनका खुलासा न हो जाय इस डर से बसपा सुप्रीमों घबराई हुई हैं। ऐसे में कुशवाहा को हिम्मत करके सारे प्रकरण को जनता के सामने लाने चाहिए।
उन्होंने ने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार के एक-एक मंत्री/विधायकों पर भ्रष्टाचार व बलात्कार के आरोप लगातार सिद्ध होते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार उन्हें बचाने की कोशिश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। अबला कमला कुशवाहा द्वारा बलात्कार में आरोपित किये जाने के बाद भी अपने मंत्री दद्दू प्रसाद को बचाकर मुख्यमंत्री ने अपनी संवेदनहीनता को उजागर किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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