खुदरा बाजार में विदेशी पूंजीनिवेश के दरवाजे खोलकर भारत सरकार ने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ मिलकर घरेलू उद्योग को चैपट करने की साजिश की है। इससे छोटे दूकानदार बेरोजगार हो जाएगें। लघुकुटीर उद्योग बंद हो जाएगें।
वालमार्ट और दूसरी बड़ी कम्पनियां केवल कुछ सैकड़ा लोगों को रोजगार देगी जबकि करोड़ों लोग बेकार हो जाएगें। बड़ी कम्पनियां मुनाफा कमाने के लिए आ रही हैं। पश्चिमी देशों में इन कम्पनियों की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है कारण वहां पूरे बाजार पर कुछ बड़ी कम्पनियों ने कब्जा कर रखा है। ये बड़ी कम्पनियां चीन से माल आयात कर बेचेगी तो भारतीय करोबार चैपट हो जाएगा।
संसद की स्थायी समिति ने सरकार को एफडीआई के मामले में कोई कदम न उठाने की सलाह दी थी। फिर भी सरकार बगैर राष्ट्रीय सहमति के इसे लागू करने पर तुली है।
भारत सरकार की भारतीय बाजार के विरूद्ध साजिश की खिलाफत करने के लिए 01 दिसम्बर,2011 को समाजवादी पार्टी “प्रदेश बंद“ करेगी। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता इस दिन विभिन्न जनपदों में धरना-प्रदर्शन करेगें।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने वालमार्ट जैसी कम्पनियों को प्रदेश में प्रवेश न देने की झूठी घोषणा की है। यहां तो पहले से ही इन कम्पनियों ने मेरठ, आगरा, लखनऊ में बेस्ट प्राइज के नाम से स्टोर खोल रखे हैं। मुख्यमंत्री का यह दोहरा चरित्र है। वे एक तरफ पूंजीघरानों को संरक्षण देती है और दूसरी ओर दलितों को धोखा देती है।
लोकायुक्त और सीबीआई की जांच तथा हाईकोर्ट के फैसलों में बसपा सरकार के दर्जनों मंत्री, विधायक फंसे है और उन पर अवैध कब्जे, लूट, हत्या, अपहरण एवं बलात्कार के केस दर्ज हैं। पूरी सरकार ही अदालती कठघरे में खड़ी होने की स्थिति में है। मुख्यमंत्री भी तमाम घपलों की जांच की आंच से बचने वाली नहीं है।
पंचमतल साजिशों का भी केन्द्र बन गया है। मुख्यमंत्री के बहुत करीबी, श्री बाबू सिंह कुशवाहा ने अपनी हत्या की साजिश में जिनके नाम लिए है वही सब मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार है। कई अफसरों ने भी सरकार के भ्रष्टाचार और उत्पीड़न की कार्यवहियों के खिलाफ आवाज बुलंद की है।
प्रदेश में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के लिए उपयुक्त समय फरवरी,2012 का महीना होगा। लेकिन इससे पूर्व प्रदेश के कैबिनेट सचिव, प्रमुख सचिव, गृह तथा डीजीपी को तत्काल हटाया जाना चाहिए। ये लोग अपने पद एवं सेवा नियमावली के अनुकूल नहीं, अपितु बसपा के एजेन्ट के रूप में काम कर रहे है।
यदि मुख्यमंत्री में जरा भी नैतिकता है तो उन्हें स्वयं त्याग पत्र दे देना चाहिए। अन्यथा इस भ्रष्ट, निकम्मी और अक्षम सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। राज्यपाल महोदय सरकार के काले कारनामों के मूकदर्शक न बने रहे।
वर्तमान बसपा सरकार से समाज का हर वर्ग त्रस्त है। प्रदेश की 20 करोड़ जनता का कोई पुरसाहाल नही। छात्र, शिक्षक, किसान सब पर डंडे चल रहे है। खाद, बीज, पानी, बिजली का संकट है। भ्रष्टाचार और लूट के चलते प्रदेश में कोई उद्योग नहीं लग रहा है। मात्र सहमति पत्र बनाकर पैसे वसूले जा रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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