- बी0एस0पी0 की प्रथम सरकार बनने के बाद, वर्ष 1995 से ही अन्य पिछड़े वर्गों के लिये लोक सेवाओं में आरक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्गों को जाति प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था
- माननीया मुख्यमंत्री जी ने 24 नवम्बर, 2011 को मा0 प्रधानमंत्री जी के पत्र का जवाब देते हुए मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के लिये कार्य करने का आग्रह किया
- माननीया मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पहली बार राज्य में सरकार बनने के बाद से ही इन वर्गों के लिये काफी कार्य किये गये हैं
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने केन्द्र सरकार से अल्पसंख्यक, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिये सार्थक प्रयास करने का आग्रह किया है। गत 24 नवम्बर, 2011 को माननीय प्रधानमंत्री जी को पुनः लिखे अपने पत्र में उन्होंने 14 सितम्बर, 2011 के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इस पत्र के माध्यम से उन्होंने अल्पसंख्यक, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के उत्थान हेतु आबादी के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था हेतु विचार करने के लिये लिखा था, जिसका जवाब केन्द्र सरकार से दिनांक 24 अक्टूबर, 2011 को प्राप्त हुआ।
राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के उत्थान एवं कल्याण के लिये गये कई महत्वपूर्ण फैसलों और चल रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने मा0 प्रधानमंत्री जी के पत्र का जवाब देते हुए अपने पत्र में साफतौर पर लिखा है कि उनके नेतृत्व में पहली बार उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही इन वर्गों के लिये उन्होंने काफी कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 से ही विभिन्न चरणों में अन्य पिछड़े वर्गों के लिये लोक सेवाओं में आरक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्गों को जाति प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था की गयी। इसके अलावा 38 जातियों/उप जातियों को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करके उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिये अत्यंत संवेदनशील एवं कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों से अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रदेश में मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय की आलिम (इण्टरमीडिएट) में पढ़ने वाली बालिकाओं के लिये 25 हजार रूपये की धनराशि एवं निःशुल्क साईकिल प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने पत्र में लिखा है कि इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षिक विकास के लिये शैक्षिक संस्थाओं को अल्पसंख्यक संस्था घोषित करने के उद्देश्य से संविधान के अनुच्छेद 201 के अन्तर्गत केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त करने हेतु उ0प्र0 राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान प्राधिकरण विधेयक, 2011 भी प्रस्तावित किया गया है, जो केन्द्र सरकार में स्वीकृत हेतु अभी भी लम्बित है।
मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेन्ट प्लान की चर्चा करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने लिखा है कि भारत सरकार नेे इस योजना के अन्तर्गत 1015.70 करोड़ रूपये की राज्य सरकार की योजना को स्वीकृत प्रदान की। लेकिन इस योजना में केन्द्र सरकार ने अभी तक 634.08 करोड़ रूपये की सहायता ही प्रदान की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक इस योजना में राज्यांश के रूप में 97.24 करोड़ रूपये अवमुक्त कर चुकी है। जबकि केन्द्र सरकार से अभी भी 381 करोड़ रूपये प्राप्त होने शेष हैं। उन्होंने कहा कि अवशेष धनराशि प्राप्त न होने के कारण स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने में कठिनाई आ रही है। उल्लेखनीय है कि यह योजना वर्ष 2011-12 में समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के पास लम्बित धनराशि तत्काल अवमुक्त की जाये, ताकि इन वर्गों के कल्याण के लिये बनायी गयी योजनाओं को शीघ्र पूरा किया जा सके।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा अति पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिये छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अति पिछड़े वर्गों में मुस्लिम समुदाय के छात्र एवं छात्रायें भी सम्मिलित हैं। राज्य सरकार ने इस केन्द्रीय योजना के तहत लगभग 5286.63 करोड़ रूपये खर्च किये हैं। जबकि इस धनराशि में केन्द्रांश के रूप में 3372.14 करोड़ रूपये की धनराशि प्राप्त होनी थी, लेकिन राज्य सरकार को अभी तक केवल 346.18 करोड़ रूपये ही प्राप्त हुये हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस धनराशि को शीघ्र अवमुक्त करना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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