पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के अति करीबी रहे श्री बाबू सिंह कुशवाहा को आज बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने कहा कि इससे अब यह साफ हो गया है कि एनआरएचएम घोटाले का राज उजागर न हो, इसके लिए पहले उन्हें डराया धमकाया गया और अब पार्टी से निकाल दिया गया है। आज यह साफ हो गया कि इन घोटालों में मुख्यमंत्री सहित बसपा के मंत्री भी शामिल रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने कहा कि कंाग्रेस पार्टी शुरू से ही यह मांग कर रही थी कि इस हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से करायी जाय, क्योंकि सैंकड़ों करोड़ रूपये के एनआरएचएम घोटाले में बसपा के मंत्री, अधिकारी और नेता शामिल हैं। किन्तु मुख्यमंत्री द्वारा अपने मंत्रियों और अधिकारियों को बचाने के लिए सीबीआई जांच में हीलाहवाला करती रहीं और अंत में कंाग्रेस पार्टी द्वारा दबाव बनाये जाने तथा मा0 उच्च न्यायालय के आदेश दिये जाने के बाद ही सीबीआई जांच के आदेश दिये थे।
श्री मदान ने कहा कि लखनऊ के दो पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारियों स्व0 विनोद आर्या एवं स्व0 वी0पी0 सिंह के हत्याकाण्ड के बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा तत्कालीन परिवार कल्याण मंत्री श्री बाबू सिंह कुशवाहा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनंत कुमार मिश्र को अपने पदों से हटाया गया था क्योंकि एनआरएचएम घोटाले में सीधे तौर पर बाबू सिंह कुशवाहा के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं मुख्यमंत्री खुद भी संलिप्त थीं। इसके उपरान्त स्व0 वी0पी0 सिंह हत्याकाण्ड के आरेापित डिप्टी सी.एम.ओ. रहे डा0 सचान की जेल में संदिग्धावस्था में हत्या कर दी गयी।
श्री मदान ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व श्री बाबू सिंह कुशवाहा ने राज्य के एक मंत्री एवं अधिकारी द्वारा अपनी जान को खतरा बताते हुए महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की थी और कई दिनों तक गायब रहे। आज मुख्यमंत्री द्वारा बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी से निकालकर कंाग्रेस पार्टी द्वारा बसपा सरकार पर भ्रष्टाचार के लगाये जा रहे आरोपों की पुष्टि कर दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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